असम में शर्मनाक वाकया: ईद के बाद के जश्न में महिलाओं से अश्लील नृत्य की फरमाइश

By Team MyNation  |  First Published Jun 9, 2019, 4:00 PM IST

पूर्वोत्तर के द्वार माने जाने वाले असम में ईद के बाद आयोजित एक जश्न में महिला डांसरों से बदसलूकी का शर्मनाक वाकया सामने आया है। 7 जून को हुई घटना में असम के प्रचलित ‘बिहु लोकनृत्य’ करने वाले कलाकारों के एक दल को बुलाया गया और उन्हें सैकड़ों लोगों की भीड़ के सामने कपड़े उतार कर नृत्य करने के लिए कहा गया। 
 

गुवाहाटी: यह घटना असम के कामरुप जिले के छायागांव इलाके की है। यहां के असोलपारा गांव में बिहु नृत्य करने वाले एक दल को बुलाया गया था। जिनके साथ बदसलूकी की गई। 

इस मामले में दाखिल की गई एफआईआर रिपोर्ट में डांस पार्टी के निदेशक अरुप डी राधा ने बताया है कि ‘संजय चौधरी नाम के एक शख्स ने डांस शो के लिए हमसे संपर्क किया गया। इसके लिए 7 जून, 2019 को कुद्दुस अली नाम के आदमी से फोन पर हमारी बातचीत हुई। इसके लिए 37,000 रुपये का अनुबंध किया गया। तय कार्यक्रम के मुताबिक हम रात करीब 8 बजे मौके पर पहुंचे। लेकिन बाद में हमें एक घिरी हुई जगह में प्रवेश करने के लिए मजबूर किया गया और महिला नर्तकियों के साथ छेड़छाड़ की गई’। यह रिपोर्ट टाइम-8 नाम के स्थानीय मीडिया पोर्टल पर छपी है।    

बताया जा रहा है कि जैसे ही अरुण डी राधा के ग्रुप में पारंपरिक बिहु नृत्य का प्रदर्शन शुरु किया। वहां मौजूद 700 से 800 लोग हंगामा मचाने लगे। उन्होंने महिला नर्तकियों से कपड़े उतारकर नृत्य करने की मांग शुरु कर दी। 
अरुप ने माय नेशन को जानकारी दी कि ‘हम उनकी मांग को सुनकर अचंभित रह गए। वह हमारी महिलाओं से नग्न नृत्य की फरमाइश करने लगे। हालांकि हम किसी तरह वहां से भाग निकलने में सफल रहे। लेकिन इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने जमकर पथराव किया।’

अरुप ने माय नेशन को बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि उनपर कौन सी धाराएं लगाई गई हैं। 

असम सांप्रदायिक रुप से संवेदनशील राज्य है। यहां कोई भी छोटी सी घटना सांप्रदायिक रंग ले लेती है। राज्य में पहले से नेशनल रजिस्ट्री सर्टिफिकेट यानी एनआरसी की वजह से तनाव फैला हुआ है। जिसमें बाहरी लोगों को राज्य से निकालने का प्रस्ताव है।  

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