असल में पीके ने कहा था कि लोकसभा चुनाव का फार्मूला बिहार में विधानसभा चुनाव में लागू होगा। पीके ने कहा कहा था कि पार्टी को विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। हालांकि इसके बाद पीके ने बहस छेड़ दी थी। क्योंकि माना जा रहा कि पीके लगातार पार्टी लाइन से बाहर जाकर भाजपा के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और इसके पीछे हो सकता है कि उन्हें नीतीश कुमार का परोक्ष समर्थन हो।
नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को बड़ा झटका लगा है। किशोर ने बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और जदयू के बीच होने वाले सीटों के बंटवारे लिए नया फार्मूला दिया था। जिसको लेकर पार्टी के भीतर ही असहमति बन गई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने पीके पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को असमय ही बोलने की आदत है। उन्होंने कहा कि ये पार्टी तय करेगी कितनी सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी और इसके लिए दोनों दलों के बीच सहमति बनेगी।
असल में पीके ने कहा था कि लोकसभा चुनाव का फार्मूला बिहार में विधानसभा चुनाव में लागू होगा। पीके ने कहा कहा था कि पार्टी को विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। हालांकि इसके बाद पीके ने बहस छेड़ दी थी। क्योंकि माना जा रहा कि पीके लगातार पार्टी लाइन से बाहर जाकर भाजपा के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और इसके पीछे हो सकता है कि उन्हें नीतीश कुमार का परोक्ष समर्थन हो।
पीके ने सीएए को लेकर भी पार्टी की लाइन से अलग बयान दिया था। हालांकि उस वक्त भी पीके के खिलाफ पार्टी के नेताओं ने कहा कि उन्हें इस तरह के बयान सार्वजनिक मंच और सोशल मीडिया में नहीं देने चाहिए। लेकिन अब जेडीयू में चुनाव के लिए पीके के फॉर्म्युले को किनारे कर दिया है। नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले पार्टी महासचिव और राज्यसभा सांसाद आरसीपी सिंह ने पीके पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों की हर समय बयान देने की आदत होती है ताकि वे सुर्खियों में रहें।
उन्होंने कहा कि वह पीके बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं क्योंकि मेरे पास उनके बारे में कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। सिंह ने कहा कि पीके को इस तरह के विषय को समय से पहले उठाने से बचना चाहिए। विदित है कि आरसीबी के पीके साथ अच्छे रिश्ते नहीं है। जबकि पीके ये जताना चाहते है कि वह नीतीश कुमार के खास हैं।