इस्कॉन मंदिर में लोगों से पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा, जो लगने लगे ठहाके

Published : Feb 26, 2019, 06:35 PM IST
इस्कॉन मंदिर में लोगों से पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा, जो लगने लगे ठहाके

सार

विश्व की सबसे बड़ी गीता के अनावरण के मौके पर कहा, मानवता के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए प्रभु की शक्ति हमारे साथ है। यही संदेश हम पूरी प्रामाणिकता के साथ दुष्ट आत्माओं, असुरों को देने का प्रयास कर रहे हैं।   

भारत में हर तरफ पुलवामा आतंकी हमले का बदला लिए जाने की खबर के बाद उत्साह का माहौल है। इस बीच, दिल्ली में इस्कॉन मंदिर में एक कार्यक्रम में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों में पाकिस्तान पर निशाना साधा।

पीएम मोदी ने अपना भाषण शुरू करते कहा कि हमें बताया गया है कि इस कार्यक्रम में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, हंगरी समेत कई देशों से लोग पहुंचे हैं। उन सभी का अभिवादन करते हुए मोदी ने कहा कि साथियों, आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह कहकर पीएम जरा सा रुके तो सभा में बैठे लोग हाथ उठाकर तालियां बजाने लगे। करीब 15 सेकंड तक लोग मोदी-मोदी के नारे लगाते रहे। 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए गए। कुछ लोग खड़े होकर पीएम का अभिवादन करने लगे। इसके बाद पीएम ने 'हरे कृष्ण-हरे कृष्ण' कहा और सबको शांत कराया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बड़े ही सधे हुए अंदाज में कहा कि आज का दिवस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज सुबह ही मैंने गांधी शांति पुरस्कारों के कार्यक्रम में हिस्सा लिया है। इस पर पूरे सभागार में हंसी के ठहाके गूंजने लगे। पीएम ने आगे कहा, 'और अभी मुझे दिव्यतम ग्रंथ गीता के भव्यतम रूप को राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिल रहा है।'

इसके बाद उन्होंने कहा कि मानवता के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए प्रभु की शक्ति हमारे साथ हमेशा रहती है। यही संदेश हम पूरी प्रामाणिकता के साथ दुष्ट आत्माओं, असुरों को देने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर सभागार में मौजूद लोग तालियां बजाने लगे। उन्होंने कहा कि यह अवसर मेरे लिए और भी खास है क्योंकि मैं उस जगह खड़ा हूं, जहां करीब दो दशक पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने इस मंदिर परिसर का शिलान्यास किया था। 

इससे पहले, पीएम मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी गीता का अनावरण किया। उसकी लंबाई 12 फीट और चौड़ाई नौ फीट है। इस गीता का वजन करीब 800 किलोग्राम है। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि श्रीमद्भागवदगीता भारत का दुनिया को सबसे प्रेरक उपहार है। गीता पूरे विश्व की धरोहर है। गीता हजारों साल से प्रासंगिक है। दुनिया के नेताओं से लेकर सामान्य मानव तक सभी को गीता ने लोकहित में कर्म करने का मार्ग दिखाया है। 

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