पिता का सियासी बदला लेने के लिए चाची के खिलाफ चुनाव प्रचार में उतरेंगी प्रियंका

प्रियंका अपनी चाची से एक तरह से राजनैतिक बदला जरूर लेंगी। क्योंकि संजय गांधी की मौत के बाद मेनका ने अमेठी से प्रियंका के पिता राजीव गांधी के खिलाफ संजय विचार मंच की तरफ से 1984 में चुनाव लड़ा था। जबकि 1977 और 1980 में संजय गांधी ने यहां से चुनाव जीता था। हालांकि मेनका को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद एक ही परिवार का हिस्सा होने के बाद बाद दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं रहा।

Priyanka Gandhi would election campaign first time against maneka gandhi in sultanpur

 
कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा आज अपनी चाची और केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी के लोकसभा क्षेत्र सुल्तानपुर में चुनावी रैली करेंगी। प्रियंका पहली बार मेनका के खिलाफ चुनाव प्रचार करने जा रही है। जबकि उन्होंने अपने चचेरे भाई वरूण गांधी के खिलाफ चुनाव प्रचार नहीं किया था। जाहिर है आज प्रियंका मोदी सरकार को ढाल बनाकर अपनी चाची मेनका पर तीखे हमले करेगी।

प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का आक्रामक तरीके से प्रचार कर रही हैं। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी प्रचार में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। कांग्रेस ने भी प्रियंका को पूरी तरह यूपी में सक्रिय किया हुआ है। लिहाजा आज प्रियंका गांधी कांग्रेस प्रत्याशी संजय सिंह का चुनाव प्रचार करने सुल्तानपुर जाएंगी और चुनावी रोड शो करेंगी। सुल्तानपुर से प्रियंका की चाची और केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी बीजेपी की तरफ से चुनाव मैदान में हैं।

हालांकि इससे पहले यहां से मेनका के पुत्र वरूण गांधी सांसद थे और इस बार वरूण को पीलीभीत से टिकट दिया है। प्रियंका पहली बार अपनी चाची के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगी। हालांकि प्रियंका ने वरूण के खिलाफ पीलीभीत में चुनाव प्रचार नहीं किया था। क्योंकि वरूण और प्रियंका के अच्छे संबंध बताये जाते हैं। गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाली अमेठी सीट कभी सुल्तानपुर का हिस्सा हुआ करती थी। गौरतलब है कि मेनका गांधी और सोनिया गांधी के बीच आपसी रिश्ते काफी खराब हैं। 

फिलहाल प्रियंका अपनी चाची से एक तरह से राजनैतिक बदला जरूर लेंगी। क्योंकि संजय गांधी की मौत के बाद मेनका ने अमेठी से प्रियंका के पिता राजीव गांधी के खिलाफ संजय विचार मंच की तरफ से 1984 में चुनाव लड़ा था। जबकि 1977 और 1980 में संजय गांधी ने यहां से चुनाव जीता था। हालांकि मेनका को हार का सामना करना पड़ा।

इसके बाद एक ही परिवार का हिस्सा होने के बाद बाद दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं रहा। लिहाजा आज प्रियंका अपनी चाची के खिलाफ चुनाव प्रचार कर कांग्रेस प्रत्याशी संजय सिंह के लिए जनता से वोट मांगेगी। सुल्तानपुर भी कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। प्रियंका आज सुल्तानपुर के साथ ही जौनपुर और प्रतापगढ़ में भी कांग्रेस प्रत्याशी का प्रचार करेंगी।

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