असल में यूपी कांग्रेस के नेताओं को लग रहा था कि प्रियंका गांधी एक बार फिर यूपी में हो रहे उपचुनाव से सक्रिय हो जाएंगी। हालांकि पहले प्रियंका ने कहा था कि वह 2022 की तैयारी कर रही हैं और उपचुनाव को पार्टी संजीदगी के साथ लेगी। अब यूपी कांग्रेस के नेताओं को झटका लगा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 11 सीटों पर हो रहे उपचुनाव से पहले ही यूपी कांग्रेस को उसकी नेता और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बड़ा झटका दिया है। यूपी कांग्रेस को उम्मीद थी कि प्रियंका गांधी इन उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगी। लेकिन प्रियंका ने साफ कर दिया है कि वह उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगी। जबकि प्रियंका ने ही प्रत्याशियों का चयन किया हुआ है।
असल में यूपी कांग्रेस के नेताओं को लग रहा था कि प्रियंका गांधी एक बार फिर यूपी में हो रहे उपचुनाव से सक्रिय हो जाएंगी। हालांकि पहले प्रियंका ने कहा था कि वह 2022 की तैयारी कर रही हैं और उपचुनाव को पार्टी संजीदगी के साथ लेगी। अब यूपी कांग्रेस के नेताओं को झटका लगा है। क्योंकि प्रियंका ने साफ कर दिया है कि वह प्रचार नहीं करेंगी।
पिछले कुछ महीनों से प्रियंका यूपी में सक्रिय हो रही हैं। प्रियंका राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। यही नहीं वह राज्य के छोटे से छोटे मामले में जबरदस्त तरीक से उठा रही हैं। लिहाजा यूपी कांग्रेस को उम्मीद थी कि प्रियंका के जरिए पार्टी उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी। लेकिन प्रियंका ने राज्य के नेताओं को बड़ा झटका दिया है।
प्रियंका अच्छी तरह से जानती है कि राज्य में पार्टी की स्थिति काफी खराब है। लोकसभा चुनाव में पार्टी महज पांच फीसदी वोट ही हासिल कर पाई थी और महज एक ही सीट जीत सकी थी। लिहाजा उपचुनाव में अगर सभी सीटों पर जमानत जब्त होती है तो इससे पार्टी के साथ ही उनकी भी किरकिरी होगी। हालांकि पार्टी के स्थानीय नेताओं को लगता है कि प्रियंका के आने से पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह आएगा।
प्रियंका राष्ट्रीय महासचिव होने के साथ ही यूपी की प्रभारी भी हैं। राज्य की 11 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टबूर को मतदान होना है। पार्टी के नेताओं को कहना है कि प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी की प्रभारी हैं और प्रत्याशियों के नाम भी उनकी सहमति से तय किये गये हैं। ऐसे में यूपी कांग्रेस को उनसे बहुत उम्मीदें थी।