पोस्टरवार के बीच प्रियंका पहुंची आजमगढ़, माया के बाद अब अखिलेश के निशाने पर

प्रियंका गांधी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में 5 फरवरी को पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए पहुंची। ये प्रदर्शन कारी नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन अभी तक अखिलेश यादव इन लोगों से मिलने के लिए नहीं पहुंचे हैं।

Priyanka reached Azamgarh among poster, after Maya, now on Akhilesh's target

लखनऊ। पूर्व उत्तर प्रदेश के अहम माने जाने वाले आजमगढ़ जिले में चल रहे पोस्टर वार के बीच आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा वहां पहुंची। दो दिन पहले ही कांग्रेस ने आजमगढ़ में अखिलेश यादव के पोस्टर लगाए हैं और उनके गायब होने को लेकर पोस्टर लगाए हैं। जिसके बाद प्रियंका गांधी वहां पहुंची हैं।

प्रियंका गांधी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में 5 फरवरी को पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए पहुंची। ये प्रदर्शन कारी नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन अभी तक अखिलेश यादव इन लोगों से मिलने के लिए नहीं पहुंचे हैं।

लिहाजा राजनैतिक फायदा लेने के लिए प्रियंका गांधी ने आजमगढ़ में इन लोगों से मुलाकात की।  प्रियंका ने कहा कि वह योगी सरकार द्वारा सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को दी जा रही प्रताड़ना के खिलाफ लडा़ई लड़ेंगी। उसने यह भी कहा कि वह उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मियों द्वारा सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर की गई बर्बरता की रिपोर्ट बनाकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को भेजेगी।

असल में प्रियंका का आजमगढ़ दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है कि हाल ही में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सपा प्रमुख और आजमगढ़ के सांसद अखिलेश यादव से सवाल पूछते हुए पोस्टर लगाए थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए पोस्टरों में अखिलेश यादव को आजमगढ़ से लापता बताया गया है। जिसके बाद दोनों दलों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।

कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि 2019 के आम चुनावों के बाद से वह आज़मगढ़ में नहीं दिखाई दिए हैं। कांग्रेस महासचिव का आरोप है कि आजमगढ़ के बिलरियागंज में विरोधी सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं और इसमें कई महिला प्रदर्शनकारी घायल हुई हैं। हालांकि  पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये आरोप निराधार हैं।
 

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