आज शपथ लेने वालों में भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता शिबू सोरेन और शिवसेना की प्रिंयका चतुर्वेदी समेत प्रमुख चेहरे 61 राज्यसभा सांसद शामिल हैं। जो सदस्य आज शपथ ग्रहण समारोह सदन में शामिल नहीं हो सकेंगे वह आगामी मानसून सत्र में शपथ ले सकेंगे।
नई दिल्ली। पिछले दिनों 20 राज्यों के 61 नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य आज शपथ लेंगे। आज शपथ लेने वालों में भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता शिबू सोरेन और शिवसेना की प्रिंयका चतुर्वेदी समेत प्रमुख चेहरे 61 राज्यसभा सांसद शामिल हैं। जो सदस्य आज शपथ ग्रहण समारोह सदन में शामिल नहीं हो सकेंगे वह आगामी मानसून सत्र में शपथ ले सकेंगे। वहीं आज राज्यसभा में भाजपा और एनडीए की ताकत में इजाफा होगा। अब उसे पूर्ण बहुमत के लिए महज 10 सदस्यों की जरूरत होगी।
राज्यसभा की खाली सीटों पर मार्च से जून के बीच चुनाव कराए गए थे, जिसमें से 42 सीटों पर मार्च में ही निर्विरोध निर्वाचन हो गया था। वहीं बाकी सीटों पर 19 जून को चुनाव हुआ था। देश में कोरोना संकट के कारण राज्यसभा के निर्वाचित सदस्यों को शपथ नहीं दिलाई जा सकी। लिहाजा आज इसके लिए शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है। आज के शपथ ग्रहण में कोरोना संक्रमण के कारण सामाजिक दूरी के मानकों का पालन किया जाएगा और आज शपथ ग्रहण सभापति के चैम्बर किया जाएगा। फिलहाल आज होने वालों शपथ ग्रहण में नए सदस्यों को अपने साथ केवल एक अतिथि को लाने की अनुमति होगी।
20 राज्यों के 61 नए सदस्य
मार्च से लेकर जून के बीच मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, अरुणाचल, मणिपुर की खाली सीटों पर राज्यसभा चुनाव हुए थे. इसमें 61 नए सदस्य चुने गए हैं। वहीं 61 सदस्यों में से 43 पहली बार उच्च सदन पहुंचे हैं। जबकि सिर्फ 12 सदस्य ही फिर से राज्यसभा के सदस्य बने हैं। भाजपा ने जहां ज्यादातर नए चेहरों को मैदान में उतारा था। वहीं अन्य दलों ने पुराने सदस्यों को सदन में पहुंचाया। वहीं कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहे।
एनडीए का आंकड़ा पहुंचा 113
राज्यसभा में इस समय भाजपा के पास 86 सदस्य हो गए हैं और वहीं एनडीए के सदस्यों की संख्या 113 पहुंच गई है। यानी पूर्ण बहुमत के महज 10 सदस्य ही कम हैं। वहीं भाजपा की उच्च सदन में ताकत 75 से 86 हो गई है जबकि एनडीए के सदस्यों की संख्या 113 तक पहुंच गई है। हालांकि एनडीए को बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस बाहर से समर्थन दे रही है।