Jan 24, 2019, 3:17 PM IST
यह मामला है छतरपुर जिला अस्पाताल का। जहां जिम्मेदारों ने प्रसूता को डिलीवरी के बाद भी बेड और बिस्तर तो क्या एक चद्दर भी मुहैया नहीं कराया।
इस कड़ाके की सर्दी में माता और नवजात बच्चे को जमीन पर सीमेंट की बोरियों पर लेटना पड़ रहा है। जिससे प्रसूता और नवजात दोनों की जान को खतरा है।
माताओं ने भी कहा कि एक दिन पहले उसकी डिलीवरी हुई है लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बिस्तर की मांग के बावजूद उसे कोई बेड उपलब्ध नहीं कराया। प्रसूता ने बताया कि जमीन पर ठंड लगती है लेकिन मजबूरी में नवजात बच्चे को लेकर उसे सीमेंट की बोरियों को सीकर फट्टे पर लेटना पड़ रहा है।
वहीं अस्पताल प्रबंधन और प्रशाशनिक अधिकारी इस मामले पर मीडिया से किसी तरह की कोई बात नहीं करना चाहते।
बरहाल इन तस्वीरों ने स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन और योजनाओं की कलाई खोलकर रख दी है और सरकारी व्यवस्थाओं सहित पूरी मशीनरी पर सवाल खड़ा कर दिया है।