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18 घंटे बाद पुलवामा में चल रही मुठभेड़ खत्म, टॉप कमांडर रशीद गाजी समेत तीन आतंकी ढेर

Published : Feb 18, 2019, 08:06 PM ISTUpdated : Feb 18, 2019, 08:33 PM IST
18 घंटे बाद पुलवामा में चल रही मुठभेड़ खत्म, टॉप कमांडर रशीद गाजी समेत तीन आतंकी ढेर

सार

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में रविवार रात 12 बजे से चल रही मुठभेड़ खत्म हो गई है। इसमें आतंकी संगठनों के दो टॉप कमांडर समेत तीन आतंकी मारे गए हैं। लेकिन इस कार्रवाई में सेना के एक मेजर समेत तीन जवान शहीद हुए हैं। जबकि जम्मू कश्मीर पुलिस के डीआईजी और सेना के एक ब्रिगेडियर घायल हो गए हैं। 

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के खिलाफ सेना और पुलिस ने बड़ा ऑपरेशन ऑपरेशन चलाया। जिसमें पुलवामा के आत्मघाती हमलावर आदिल डार को ट्रेनिंग देने वाला रशीद गाजी मारा गया। इसके अलावा दो और बड़े आतंकवादी मारे गए। 

लेकिन इस सफलता के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। इसमें सेना के एक मेजर समेत तीन जवान शहीद हुए जबकि जम्मू कश्मीर के एक डीआईजी रैंक के अधिकारी और सेना के एक ब्रिगेडियर घायल हो गए।

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लेकिन सबसे बुरी बात यह रही कि सेना को अपनी कार्रवाई के दौरान आतंकी समर्थक पत्थरबाजों की ओर से बड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ा।  

इस ऑपरेशन के दौरान पिंगलेना गांव में भारी हिंसा हुई है जिसे देखते हुए इलाके में सीआरपीएफ की कई टीमों को तैनात किया गया है। 

आतंकियों के साथ जब मुठभेड़ के बाद सुबह में जैश के दो टॉप कमांडरों को मार गिराया गया था। इसके बाद शाम को इनका तीसरा साथी भी मार गिराया गया। 

मुठभेड़ के दौरान इलाके में सेना और पुलिस की कई टीमों को सोमवार दोपहर तैनात कराया गया था। दोपहर बाद इस ऑपरेशन में एसएसपी पुलवामा, डीआईजी साउथ कश्मीर समेत सीआरपीएफ और सेना के कई अधिकारी भी शामिल हुए थे। 

इसी दौरान क्रॉस फायरिंग में डीआईजी अमित कुमार को भी पैर में गोली लगी, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने तत्काल उन्हें स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया। यहां प्राथमिक उपचार के उपचार के बाद उन्हें चॉपर के जरिए इलाज के लिए दिल्ली भेजने की तैयारी शुरू की गई। 

इस घटना के कुछ देर बाद सेना के एक ब्रिगेडियर को भी पेट में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें श्रीनगर के सैन्य अस्पताल में शिफ्ट कराया गया। 

लेकिन पत्थरबाजों ने आतंकियों की मदद के लिए लगातार पत्थरबाजी की। जिससे सुरक्षाबलों को बहुत मुश्किल हुई। उनसे निपटने के लिए सीआरपीएफ की टीमों को यहां सैन्य ऑपरेशन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात कराया गया।

इस एनकाउंटर में मारा गया अब्दुल रशीद गाजी जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर के सबसे विश्वसनीय करीबियों में से एक है। उसने ही पुलवामा के आत्मघाती आदिल डार को ट्रेनिंग दी थी। 
 

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