पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे मेजर विभूति ढौंडियाल, तिरंगे में लिपटे पति के पार्थिव शरीर को देर तक निहारती रही पत्नी। पिछले साल ही हुई थी शादी।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को देहरादून में नम आंखों से विदाई दी गई। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर देहरादून में उनके निवास डंगवाल मार्ग पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। हजारों लोग इस वीर सपूत के अंतिम दर्शन को पहुंचे। हर तरफ शहीद मेजर ढौंडियाल अमर रहे, 'भारत माता की जय' और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंज रहे थे।
इस बीच परिवारवालों ने अपने लाडले को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। मेजर ढौंडियाल की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही उनकी पत्नी निकिता खामोश थीं। पति को अंतिम विदाई देते समय भी वह मजबूती से खड़ी रहीं। उन्होंने जयहिंद कहा और पति के पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया। वह तिरंगे में लिपटे पति के पार्थिव शरीर को बहुत देर तक निहारती रहीं। इसके बाद पति का माथा चूमा और 'आई लव यू' कहकर अंतिम विदाई दी। इस लम्हे को जिसने देखा उसकी आंख भर आई। मेजर ढौंडियाल की पिछले साल ही शादी हुई थी। उनके परिवार में बूढ़ी मां, पत्नी के अलावा तीन बड़ी बहने हैं। सभी का अपने लाडले को तिरंगे में लिपटा देखकर बुरा हाल था।
Wife of Major VS Dhoundiyal (who lost his life in an encounter in Pulwama yesterday) by his mortal remains. pic.twitter.com/5HWD6RXwnO
— ANI (@ANI)निकिता ने खुद को संभालते हुए स्वयं ही शवयात्रा की अगुआई की। उन्होंने कहा कि जो चले गए उनसे कुछ सीखें, दुनिया में जो शहादत देते हैं, उनसे सीखना चाहिए। देश के लिए काम करने के बहुत सारे फील्ड हैं, ईमानदारी से काम करें। शहीद मेजर ढौडिलाय तीन बहनों के इकलौते भाई थे और उनके पिता ओमप्रकाश ढौंडियाल का 2012 में देहांत हो चुका है। वह कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (सीडीए) में सेवारत रहे हैं। जबकि बड़ी बहन पूजा के पति सेना में कर्नल हैं और दूसरी बहन अपने परिवार के साथ अमेरिका में रहती हैं। शहीद की छोटी बहन वैष्णवी दून इंटरनैशनल स्कूल में पढ़ाती हैं।