पुलवामा शहीद की मां सुधा देवी ने कहा कि पिछले 11 महीनों से वह कलेक्ट्रेट और कमिश्नरी के चक्कर काट रही है। ताकि जो वादा सरकार की तरफ से किया गया था। वह पूरा हो सके। लेकिन जिला प्रशासन के अफसरों नियमों का हवाला दे कर स्मारक को नहीं बनाने की दलील दे रहे हैं। लिहाजा अब वह खुद ही जमीन पर स्मारक का निर्माण करा रही हैं।
आगरा। पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकी हमले में हुए शहीद कौशल किशोर रावत शहीद की मां ने अब अपने बेटे के लिए स्मारक बनाने का बीड़ा उठाया है। हालांकि शहीद के लिए स्माकर बनाने का वादा सरकार के जिम्मेदार अफसरों और नेताओं ने किया था। लेकिन अब वही नियमों का हवाला देकर स्मारक नहीं बना रहे हैं। रावत की मां का आरोप है कि शहीद के स्मारक के लिए किया गया वादा शासन और प्रशासन भूल गया है।
पुलवामा शहीद की मां सुधा देवी ने कहा कि पिछले 11 महीनों से वह कलेक्ट्रेट और कमिश्नरी के चक्कर काट रही है। ताकि जो वादा सरकार की तरफ से किया गया था। वह पूरा हो सके। लेकिन जिला प्रशासन के अफसरों नियमों का हवाला दे कर स्मारक को नहीं बनाने की दलील दे रहे हैं। लिहाजा अब वह खुद ही जमीन पर स्मारक का निर्माण करा रही हैं। उनका कहना है कि पिछले साल पुलवामा में उनका बेटा कौशल किशोर रावत शहीद हो गया था। उस वक्त घर पर नेता से लेकर अफसर पहुंचे थे। लेकिन किसी ने अभी तक कोई वादा पूरा नहीं किया है।
वहीं जिले की एसडीएम गरिमा सिंह का कहना है कि स्मारक के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत है वह जिला प्रशासन के लिए संभव नहीं है। सुधा देवी का कहना है कि जब शहीद का पार्थिव शरीर घर पर आया था तो अधिकारी, सांसद, विधायक और मंत्री पहुंचे थे। चौंकाने वाला ये है कि बेटे के शहीद स्मारक की उम्मीद में सुधा देवी के पति की भी मौत हो गई है। लेकिन जिला प्रशासन अभी तक जमीन नहीं मुहैया करा सका है। सुधा देवी के पति गीताराम भी स्मारक बनना चाहते थे। सुधा देवी का कहना है कि गांव में स्मारक के निर्माण में ग्राम पंचायत की मदद मिल रही है, लेकिन उन्हें न तो केंद्र सरकार से कोई मदद मिली न ही सामाजिक संगठनों में से भी किसी ने उनकी सुध ली।