राफेल डील में बीजेपी के निशाने पर कांग्रेस है। बीजेपी ने यूपीए सरकार की असफल रही राफेल डील में रॉबर्ट वाड्रा की दखल का आरोप लगाया है। आरोप है कि उन्होंने कुख्यात हथियार डीलर संजय भंडारी को सौदे में जगह दिलानी चाही जो अपनी करतूतों के कारण फिलहाल भगोड़ा है।
नई दिल्ली— राफेल मामले में बीजेपी ने कांग्रेस पर सबसे बड़ा हमला बोला है। आरोपों के घेरे में राहुल गांधी के बहनोई और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा हैं। बीजेपी ने कहा है कि यूपीए काल में परवान न चढ़ सकी राफेल डील में राहुल गांधी के बहनोई ने अपने रसूख के दम पर दखल दी। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि बदनाम आर्म्स डीलर संजय भंडारी को तब की डील में रॉबर्ट वाड्रा अपने संबंधों के दम पर मदद करना चाह रहे थे।
पत्रा ने कहा, "जीजाजी (वाड्रा) को बख्शा नहीं जाएगा।"
बीजेपी द्वारा वाड्रा पर लगे आरोप पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
संजय भंडारी कौन है?
संजय भंडारी वो आदमी है जिसने इम्पोर्टेड कारों के कारोबार में छोटी-मोटी डीलिंग शुरू की लेकिन वाड्रा से नजदीकी ने उसकी किस्मत बदल दी। 2008 में वो एक हथियार डीलर बन गया और उसने ऑफ़सेट इंडिया सॉल्यूशन (ओआईएस) ग्रुप का गठन किया। 2016 में, एजेंसियों को एक छापे के दौरान दिल्ली स्थित उसके ठिकाने से अत्यधिक संवेदनशील रक्षा दस्तावेज मिले। वह फिलहाल एजेंसियों के रडार पर है और भगोड़ा है। मोदी सरकार ने इसे संज्ञान में लेते हुए कंपनी को किसी भी रक्षा व्यवसाय में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया। उसपर रक्षा सौदों को प्रभावित करने के लिए संवेदनशील रक्षा सूचना लीक करने का आरोप है।
वाड्रा का राफेल लिंक
"संजय भंडारी की कंपनी ओआईएस ने राफले के निर्माताओं दसॉल्ट के साथ भारतीय ऑफसेट पार्टनर बनने के लिए ज्वाइंट वेंचर बनाया। राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट पर ऐसा करने के लिए भारी दबाव था। लेकिन जब उन्हें ओआईएस के रिकॉर्ड और करतूतों की जानकारी मिली तो उन्होंने कदम खींच लिए"। ये बीजेपी का बड़ा आरोप है। साथ ही सत्ताधारी पार्टी ने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि रॉबर्ट वाड्रा और सत्ता की सरपरस्ती के कारण देश की सुरक्षा के साथ 10 सालों तक खिलवाड़ किया गया।
एचएएल कथा का खुलासा किया
मामला यहीं खत्म नहीं होता। बीजेपी ने पिलेटस एयरक्राफ्ट सौदे का मामला उठाया था जिनको रक्षा जरूरतों के लिए बेड़े में शामिल करने की कवायद चल रही थी। अब सवाल आता है कि "पिलेटस के दावेदार कौन थे? यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) था। यहां यूपीए सरकार ने एचएएल की स्वदेशी विमान बनाने की योजनाओं पर पानी फेर दिया ताकि पिलेटस तस्वीर में आ सकें" ऐसा बीजेपी का आरोप है। इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए बीजेपी ने कांग्रेस के उन आरोपों की हवा निकाल दी जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने सरकारी एचएएल के ऊपर अंबानी का पक्ष लिया।
वाड्रा के लिए उपहार?
फ्रंट फुट पर आए बीजेपी के संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि संजय भंडारी ने अपने व्यापार सहयोगी सुमित चड्डा के माध्यम से 19 करोड़ रुपये के वाड्रा को शानदार फ्लैट दिया था। बीजेपी ने फ्लैट की जगह-पता का भी जिक्र किया है। पता बताया गया है, 12 एलर्टन हाउस, ब्रायनस्टन स्क्वायर।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि "मामला यहीं खत्म नही हो जाता। उपहार में मिले फ्लैट को चमकाने पर भी पैसा खर्च किया गया, इसपर 35000 हजार पौंड का खर्च आया। इस मामले पर संजय भंडारी और सुमित चड्ढा की बीच चर्चा भी हुई। यह वही लोग हैं प्रधानमंत्री पर उंगली उठाते हैं"।
संबित पात्रा ने यह भी कहा कि "25 अगस्त, 2010 को 2.5 लाख स्विस फ़्रैंक और अक्टूबर 2010 में 7.50 लाख स्विस फ्रैंक का भुगतान किया गया था। ये पैसा भंडारी ने वाड्रा को दिया"।