भाजपा अध्यक्ष ने कहा, चोर-चोर' वही चिल्लाते हैं जिन्हें चौकीदार का डर होता है। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वह किस आधार पर देश की जनता को गुमराह कर रहे थे? उनके आरोपों के बारे में जानकारी का स्रोत कौन था ?
फ्रांस से 36 लड़ाकू विमानों की खरीद मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट के बाद भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जनता को गुमराह करने और सेना के बारे में संदेह पैदा करने के लिए उन्हें देश की जनता से मांफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज सत्य की जीत हुई है । आज सिद्ध हो गया है कि चोर-चोर वही चिल्लाते हैं जिनको चौकीदार का भय होता है।
शाह ने कहा कि देश को गुमराह करने की ऐसी कोशिश पहले कभी नहीं हुई। ‘राहुल गांधी जवाब दें कि वह किस आधार पर देश की जनता को गुमराह कर रहे थे? उनके आरोपों के बारे में जानकारी का स्रोत कौन था ? ’ भाजपा अध्यक्ष ने यहां कहा, ‘देश की आज़ादी के बाद से एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह करने का इससे बड़ा प्रयास कभी नहीं हुआ और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष द्वारा ऐसा किया गया।’
राहुल गांधी पर ‘बचकानी हरकत’ करने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने और अपनी पार्टी के तत्काल फायदे के लिए झूठ का सहारा लेकर चलने की एक नई राजनीति की शुरुआत की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आज सिद्ध कर दिया है कि झूठ के पैर नहीं होते और अंत में जीत सत्य की ही होती है ।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष हर नुक्कड़ और चौराहे पर आरोप लगा रहे थे, लेकिन शीर्ष अदालत के फैसले से दूध का दूध, पानी का पानी हो गया तथा कांग्रेस अध्यक्ष गांधी के सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान का पर्दाफाश हो गया है।
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— BJP (@BJP4India)उन्होंने सवाल किया कि जब कांग्रेस पार्टी के शासन के समय में साल 2007 में सौदे का खाका तैयार हुआ तब इसे 2007 से 2014 तक अंतिम रूप क्यों नहीं दिया गया । क्या इसमें किसी तरह के कमीशन की बात थी ? शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ सरकार से सरकार के स्तर पर सौदा किया जिसमें कोई विचौलिया नहीं था और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी जिस पर अदालत ने भी मुहर लगाई है ।
उन्होंने कहा कि हमारा सवाल है कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान सरकार से सरकार के स्तर पर सौदे को आगे क्यों नहीं बढ़ाया गया । उन्होंने कहा कि हमारे सामने उदाहरण है कि कभी क्वात्रोच्चि तो कभी क्रिस्चियन मिशेल को फायदा उठाने का मौका मिला। ऐसे में पूर्ववर्ती सरकार ने सरकार से सरकार के स्तर पर सौदे की पहल क्यों नहीं की।
अमित शाह ने कहा, ‘राफेल खरीद के सम्बन्ध में जनता को गुमराह करने और सेना के बारे में संदेह पैदा करने के लिए राहुल गांधी को देश की जनता से मांफी मांगनी चाहिए।'
कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज सत्य की जीत हुई है । आज सिद्ध हो गया है कि चोर-चोर वही चिल्लाते हैं जिनको चौकीदार का भय होता है। उल्लेखनीय है कि राफेल सौदे में जांच की मांग वाली याचिकाओं पर अपनी व्यवस्था में उच्चतम न्यायालय की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं लगता।
शाह ने कहा कि अदालत को इस प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं लगा और ना ही उन्हें इस सौदे में किसी तरह का आर्थिक पक्षपात नजर आया। उन्होंने कहा, ‘दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑफसेट साझेदारों के चुनाव में सरकार की कोई भूमिका नहीं है और उसे केवल लोगों की धारणाओं के आधार पर जांच की मांग वाजिब नजर नहीं आई।’ शाह ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले में सौदे को बदनाम करने के लिए काम कर रहे लोगों की मंशा पर भी जाहिर तौर पर सवाल खड़े किये गये हैं जो देश के लिए महत्वपूर्ण है।
भाजपा ने कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया और उनसे माफी मांगने की मांग की।