जानें आखिर क्यों आज फिर न हो सकी राहुल और तेजस्वी की बिहार में संयुक्त चुनावी रैली

By Team MyNation  |  First Published Apr 26, 2019, 11:23 AM IST

 ये उम्मीद की जा रही थी कि आज राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक साथ चुनावी मंच साझा कर सकते हैं। तेजस्वी ने पिछले तीन रैलियों में कांग्रेस नेता से दूरी बनाकर रखी है, जिसके कारण गठबंधन की किरकिरी हो रही है।

बिहार में लोकसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन के दो बड़े दलों के बीच चुनावी रैली नहीं हो पायी है। क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्लेन में खराबी आने के कारण उन्हें दिल्ली लौटना पड़ा है। हालांकि ये उम्मीद की जा रही थी कि आज राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक साथ चुनावी मंच साझा कर सकते हैं। तेजस्वी ने पिछले तीन रैलियों में कांग्रेस नेता से दूरी बनाकर रखी है, जिसके कारण गठबंधन की किरकिरी हो रही है।

Engine trouble on our flight to Patna today! We’ve been forced to return to Delhi. Today’s meetings in Samastipur (Bihar), Balasore (Orissa) & Sangamner (Maharashta) will run late. Apologies for the inconvenience. pic.twitter.com/jfLLjYAgcO

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi)

राज्य में यूपीए गठबंधन के सहयोगी दलों के दो नेताओं के एक बार फिर चुनावी मंच साझा करने की उम्मीद की जा रही थी। आम चुनाव में पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी एक साथ मंच साझा कर सकते थे। लेकिन इस बार राहुल गांधी के प्लेन में तकनीकी कमी के कारण आज रैली फिर नहीं हो सकी। असल में आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बिहार के समस्तीपुर में रैली थी, जहां गठबंधन की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार मैदान में है।

लिहाजा यूपीए दलों में एकजुटता दिखाने के लिए आज दोनों दलों के नेता एक ही मंच फिर से दिखाई दिए जाने की उम्मीद की जा रही थी। तेजस्वी लोकसभा चुनाव शुरू होने के बाद से ही यूपीए गठबंधन दलों की रैलियों से दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि वह स्वास्थ्य कारणों को रैलियों में न जाने के लिए वजह बता रहे हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि कहीं न कहीं यूपीए के घटक दलों में दूरी बढ़ी है। राज्य में ही यूपीए के घटक दल के नेता जीतन राम मांझी और रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा में छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। जिसके कारण तेजस्वी नाराज हैं।

हालांकि आज से पहले राहुल राज्य में तीन रैली कर चुके हैं और इन तीनों में तेजस्वी नहीं थे। इससे गठबंधन में उलझन की स्थिति पैदा हो रही है। जानकारी के मुताबिक सुपौल की रैली में राहुल गांधी ने तेजस्वी को भी साथ लाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन तेजस्वी नहीं आये। क्योंकि यहां पर रंजीता रंजन कांग्रेस की उम्मीदवार थी।

जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में वह राजद की प्रत्याशी थी। राज्य में कांग्रेस-राजद के बीच संबंधों को लेकर कयास लगने लगे थे। हालांकि दोनों दलों के नेता राज्य में चल रही अफवाहों को खत्म करना चाहते हैं। लिहाजा दोनों पर इस बात को लेकर दबाव है कि कहीं राजग इसे बड़ा मुद्दा न बना दे, जिसके कारण उन्हें चुनाव में नुकसान उठाना पड़े।

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