हम ऐसे देश की आकांक्षा रखते हैं, जहां विचार मुक्त रहें और उन्हें कुचला न जाए। ये शब्द हैं राहुल गांधी के जब वो पिछले 15 अगस्त को कांग्रेस मुख्यालय में झंडा फहरा रहे थे। लेकिन जब खुद पर बात आई तो सारे सिद्धांत हवा हो गए।
अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में बड़े बड़े भाषण देने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पत्रकारों से घबराए हुए हैं।
उन्होंने वकीलों के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट से मीडिया पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। मामला है यंग इंडिया और नेशनल हेराल्ड केस की सुनवाई का। जिसमें राहुल और सोनिया गांधी पर बड़ी टैक्स चोरी का मामला अदालत में विचाराधीन है। राहुल इस मामले की मीडिया रिपोर्टिंग से बचना चाहते हैं, जिसके लिए उनके वकील ने बकायदा अदालत के सामने अर्जी दाखिल की है। हालांकि अदालत ने इस तरह की किसी भी रोक से इनकार कर दिया है।
लेकिन इस घटनाक्रम से अभिव्यक्ति की आजादी पर राहुल के बड़े बड़े भाषणों की पोल खुल जाती है। पिछले दिनों कुछ गलत तथ्यों के आधार पर कुछ पत्रकारों ने सरकार को बदनाम करने की कोशिश की, जिसके बाद उनके संस्थानों ने उन्हें हटा दिया था। इस मामले पर राहुल गांधी ने जंतर मंतर पर भाषण देते हुए सरकार को निशाना बनाया था। लेकिन जब उनके 'करप्शन' की रिपोर्टिंग की बारी आई, तो उसी मीडिया पर बैन लगवाने वह अदालत के सामने दरख्वास्त करवा रहे हैं।
हम ऐसे देश की आकांक्षा रखते हैं, जहां विचार मुक्त रहें और उन्हें कुचला न जाए। ये शब्द हैं राहुल गांधी के, जब वो पिछले 15 अगस्त को कांग्रेस मुख्यालय में झंडा फहरा रहे थे। लेकिन जब खुद पर बात आई तो सारे सिद्धांत हवा हो गए।
नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया केस एक बहुचर्चित मामला है। जिसमें राहुल और सोनिया गांधी के 76 फीसदी स्वामित्व वाली कंपनी यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड अखबार छापने वाली कंपनी असोसिएट जर्नल लिमिटेड का अधिग्रहण कर लिया। इस अखबार के पास राजधानी दिल्ली सहित लखनऊ, पटना, मुंबई, पंचकुला, भोपाल और इंदौर में अरबों रुपए की जमीन है। जिससे करोड़ो रुपए किराए के रुप में आते हैं।
जबकि नेशनल हेराल्ड अखबार छपना दस साल पहले ही बंद हो चुका है। आयकर विभाग के पास यह भी सूचना है कि एआईसीसी ने एसोसिएट जर्नल को 99 करोड़ रुपए दिए। इस डील में बड़ी टैक्स चोरी का आरोप है। जिसकी सुनवाई अदालत में चल रही है।
अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर देश में डर का माहौल बनाने वाले, अपने कर्मों के सच के बाहर आने पर इतना डर रहे है, की किसी भी माध्यम से मीडिया की आवाज़ का गला घोटना चाहते है।
राहुल गांधी जी को बताना चाहिए कि आख़िर मीडिया की ख़बरों से इतना परेशान क्यूँ है भाई। pic.twitter.com/vZuoXoqVVU
राहुल गांधी और उनके साथी नहीं चाहते हैं, कि इस मामले की तफसील जनता तक पहुंचे। इसीलिए उन्होंने मीडिया रिपोर्टिंग पर ही रोक लगवाने की कोशिश की।
बात सिर्फ इतनी नहीं है कि राहुल ने अपने वकील के जरिए रिपोर्टिंग बंद करवाने की गुहार लगाई। बल्कि असली बात ये है कि इस तरह की मानसिकता रखने वाले लोग किस मुंह से अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में भाषणबाजी करते हैं।