तकनीक का बेजोड़ नमूना होगा रामेश्वरम में बनने वाला 'मूविंग ब्रिज'

नए ब्रिज को पुराने ब्रिज से तीन मीटर ज्यादा ऊंचाई पर बनाया जाएगा। ताकि ज्वार-भाटा उठने के समय पानी पुल तक न पहुंच सके। इस पुल का 63 मीटर का बीच का हिस्सा लिफ्ट से जुड़ा होगा जिसे मालवाहक जहाजों के आने पर ऊपर किया जा सकेगा।

Rail Minister Piyush Goyal share Pamban sea bridge video

पहले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, फिर बोगीबील पुल, दोनों ही इंजीनियरिंग के बेहतरीन नमूने। केंद्र सरकार ने दिखा दिया है कि नए भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की रफ्तार बहुत तेज है। इसी क्रम में नया नाम है 'मूविंग ब्रिज'। रामेश्वरम को भारत की मुख्यभूमि से जोड़ने के लिए रेलवे एक नया और अनोखा पुल पंबन सेतु बनाने जा रहा है। यह पुल कैसा होगा, इसे समझाने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बाकायदा एक वीडियो साझा किया है।

केंद्र सरकार 104 साल पूरे कर चुके पंबन ब्रिज के समानांतर एक और ब्रिज बनाने जा रही है। इस पुल को बनाने में 250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह ब्रिज रामसेतु तक जाने के लिए रास्ते में आता है। मौजूदा पंबन ब्रिज 24 फरवरी 1914 को शुरू हुआ था। इस ब्रिज के बनने से रामसेतु तक आना जाना और आसान हो जाएगा। इस ब्रिज के निर्माण में यूरोप की तकनीक का उपयोग किया जाएगा। 1964 के समुद्री तूफान में धनुषकोडि रेल लाइन बह गई थी। यहां आए तूफान में एक ट्रेन भी बह गई थी और सैंकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। यह इस रेल लाइन को बहाल करने का पहला प्रयास है। 

दरअसल, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि 'क्या कभी मूविंग ब्रिज देखा है? रामेश्वरम को भारत के मेनलैंड से जोड़ने वाला पंबन सेतु 'वर्टिकल लिफ्ट स्पैन टेक्नोलॉजी' पर बनाया जाएगा। मालवाहक जहाज गुजरने के समय इस टेक्नोलॉजी के प्रयोग से पुल के बीच के हिस्से को जरूरत के हिसाब से ऊपर उठाया जा सकेगा।' 

नए ब्रिज को पुराने ब्रिज से तीन मीटर ज्यादा ऊंचाई पर बनाया जाएगा। ताकि ज्वार-भाटा उठने के समय पानी पुल तक न पहुंच सके। इस पुल का 63 मीटर का बीच का हिस्सा लिफ्ट से जुड़ा होगा जिसे मालवाहक जहाजों के आने पर ऊपर किया जा सकेगा। भारत में पहली बार होगा जब पुल में बीच का हिस्सा लिफ्ट की भांति सीधा ऊपर-नीचे होगा ताकि ऊंचे जहाज भी आसानी से गुजर सकें। नए पुल का संचालन पूरी तरह ऑटोमैटिक होगा। साथ ही इसमें भविष्य के लिए दो रेल लाइन और इलेक्ट्रिफिकेशन को ध्यान में रखा जाएगा।

रेलवे के सूत्रों का कहना है कि इस परियोजना से निकट भविष्य में श्रीलंका से रेल संपर्क स्थापित करने का रास्ता भी खुलेगा। इससे पहले, एक अन्य वीडियो ट्वीट करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा था, 'भगवान श्री राम के श्रद्धालुओं को रेलवे कराएगी धनुषकोडि स्थित रामसेतु का दर्शन, रेल लाइन बिछाने का काम होगा जल्द शुरू।'

भगवान श्री राम के श्रद्धालुओं को रेलवे कराएगी धनुषकोडि स्थित रामसेतु का दर्शन, रेल लाइन बिछाने का काम होगा जल्द शुरू pic.twitter.com/2jC1IEfQRs

— Piyush Goyal (@PiyushGoyal)

 

 

vuukle one pixel image
click me!