राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार अपने अपने सजातीय आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं। इसी बीच चुनाव आयोग के एक सर्कुलर ने सियासी हलचल मचा दी है। सर्कुलर के जरिए ऐसे 43 लोगों की लिस्ट जारी की गई है, जो प्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। पर इस बार चुनाव मैदान में उतरने की योग्यता नहीं रखते हैं।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार अपने अपने सजातीय आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं। इसी बीच चुनाव आयोग के एक सर्कुलर ने सियासी हलचल मचा दी है। सर्कुलर के जरिए ऐसे 43 लोगों की लिस्ट जारी की गई है, जो प्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। पर इस बार चुनाव मैदान में उतरने की योग्यता नहीं रखते हैं।
चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किए गए नेता
खाजूवाला से मिट्ठू सिंह
चूरू से उषा राठौर
उदयपुरवाटी से कृष्ण कुमार और भीम सिंह
झोटवाड़ा से दिलीप कुमार शर्मा
आदर्श नगर से अब्दुल अज़ीज़
मुंडावर से आनंद यादव
बानसूर से ओमप्रकाश गुर्जर, कुलदीप शर्मा और मीराबाई
कामां से बालकिशन
भरतपुर से योगेश
नदबई से राजवीर सिंह
बयाना से मिश्री प्रसाद कोहली
जैतारण से लादू सिंह
पाली से मोहम्मद अली
मारवाड़ जंक्शन से अमर सिंह और देवाराम
भीनमाल से नंदा देवी
सांचौर से डॉ बुधराम बिश्नोई
सीकर से भगवान सहाय और अंकुर शर्मा
भरतपुर से तेजवीर सिंह
टोंक-सवाई माधोपुर से मुकेश कुमार और प्रेमलता बंसीवाल
रायसिंहनगर से कुंभाराम
अलवर ग्रामीण से जीतू जाटव
अलवर शहर से नवजोत सिंह व शोभाराम
सोजत से अंबालाल जगदीश
सुमेरपुर से शंकर सिंह, इमरान, संतोष, सोहन सिंह
आहोर से बलवंत सिंह
पीपल्दा से नरेश जांगिड़
सांगोद से धनराज सिंह और भैरव लाल मालव
अंता से भुवनेश
खानपुर से मोहनलाल
नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए क्यों घोषित किया गया अयोग्य?
दरअसल, निर्वाचन आयोग इलेक्शन के दौरान प्रत्याशियों से उनकी संपत्ति सहित अन्य विवरण जमा करने को कहता है। प्रत्याशियों को चुनाव के प्रचार प्रसार में खर्च की गई धनराशि का ब्यौरा भी देना होता है। पर, इन 43 नेताओं ने चुनाव के दौरान खर्च का सही रिकॉर्ड नहीं दिया या फिर उपलब्ध ही नहीं कराया। इसी वजह से इन नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।