राजस्थान की कांग्रेस सरकार किसान कर्जमाफी को लेकर घेरे में है। गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफी की घोषणा की थी। लेकिन सहकारिता विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में कई किसानों के मात्र 50 रुपये से 15 हजार तक के कर्ज ही माफ हुए हैं।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार किसान कर्जमाफी को लेकर घेरे में है। गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफी की घोषणा की थी। लेकिन सहकारिता विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में कई किसानों के मात्र 50 रुपये से 15 हजार तक के कर्ज ही माफ हुए हैं। परेशानी की बात यह है कि इनकी संख्या 32 फीसदी की है।
राज्य सरकार के आकड़ों के अनुसार राज्य के 3.2 लाख किसानों के 5 से 10 लाख रुपये तक के कर्ज माफ हुए हैं। जबकि केवल 1007 किसानों को मात्र 3 लाख रुपय से अधिक के कर्जे माफ हुए हैं। इसी तरह 2268 किसानों के 2 लाख तक के कर्ज माफ हुए हैं। आकड़े बताते है कि केवल 5 फीसदी किसानों के मात्र 1 लाख रुपये से अधिक के कर्ज माफ हुए है।
हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कांग्रेस सरकार के कर्ज माफी का लाभ मिले किसानों की जानकारी देने की मांग की थी। उन्होंने इस घोषणा को लगड़ा आदेश बताया था। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनावों के दौरान अपने चुनावी भाषणों में किसानों के कर्ज माफी सरकार बनने के 10 दिनों में किए जाने की घोषणा की थी। कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि राज्य में कर्जा माफी से किसानों का वोट का झुकाव एक बार फिर कांग्रेस की ओर हो सकता है।
लेकिन सहकारिता विभाग के कर्ज माफी के आकड़ों ने कांग्रेस सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी हाल ही की चुरू और टोंक की सभाओं में कर्ज माफी के मुद्दे को जोर शोर से उठा कर कांग्रेस पर निशाना साधा था। हालांकि कांग्रेस सरकार का दावा है कि उसने जो योजना शुरू की थी, उसका फायदा राज्य के किसानों को मिल रहा है।