राजस्थान में सियासी घमासान थमता नजर नहीं आ रहा। राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वापस लौटा दिया। गहलोत सरकार का यह तीसरा प्रस्ताव था, लेकिन राज्यपाल ने अभी तक सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं दी। इससे पहले सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की।
जयपुर. राजस्थान में सियासी घमासान थमता नजर नहीं आ रहा। राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वापस लौटा दिया। गहलोत सरकार का यह तीसरा प्रस्ताव था, लेकिन राज्यपाल ने अभी तक सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं दी। इससे पहले सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की।
गहलोत सरकार ने मंगलवार को राज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए तीसरा प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव में 31 जुलाई को सत्र बुलाने की मांग की गई थी। इसके अलावा इसमें राज्यपाल की 3 शर्तों पर भी जवाब दिया गया है। इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने दोनों बार प्रस्ताव लौटा दिया। पहली बार में उन्होंने 6 आपत्तियां दर्ज कराई थीं। वहीं, दूसरी बार उन्होंने सही जानकारी और सवालों के जवाब ना होने के चलते प्रस्ताव लौटा दिया था।
सरकार गिराने की साजिश की जा रही- गहलोत
इसी बीच सीएम गहलोत ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि उनकी सरकार गिराने की साजिश रची जा रही है। हालांकि, उन्होंने कहा, हम मजबूत हैं। सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा, जिन्होंने सरकार गिराने के लिए धोखा दिया, वे चाहें तो सोनिया गांधी से माफी मांगकर पार्टी में लौट सकते हैं। गहलोत का यह बयान राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में आया।
बसपा विधायकों के विलय के खिलाफ हाईकोर्ट में 2 याचिकाएं
राज्य का सियासी संग्राम एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गया। 9 महीने पहले बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय होने के खिलाफ हाईकोर्ट में दो याचिकाएं लगाईं। एक याचिका भाजपा विधायक मदन दिलावर ने लगाई, वहीं, दूसरी याचिका बसपा की ओर से लगाई गई।
मायावती ने साधा था निशाना
बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा था कि हमने राजस्थान में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया था, लेकिन गहलोत की मंशा से हमारी पार्टी को बहुत नुकसान पहुंचा। अब उन्हें सबक सिखाने का वक्त आ गया है। जरूरत पड़ी तो हम इस मामले में हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।