अखिलेश की अपर्णा से नाराजगी को इसी बात से समझा जा सकता है कि जब अपर्णा ने संभल सीट से लोकसभा का टिकट मांगा तो अखिलेश ने शफीकुर रहमान बर्क को पार्टी का टिकट दिया। गौरतलब है कि 2016 में यादव परिवार में विवाद हुआ था और मुलायम से छोटे भाई शिवपाल सिंह ने अपने अलग पार्टी बनाई थी तो पार्टी की लांचिंग पर अपर्णा मुलायम सिंह के साथ शिवपाल के मंच पर दिखी थी। जिसके बाद अखिलेश उनसे नाराज चल रहे हैं।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार में क्या एक बार फिर बगावत होने वाली है। लखनऊ की मीडिया में जो खबरें छनकर आ रही हैं। उसके मुताबिक मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव को अगर पार्टी प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में लखनऊ की कैंट सीट से टिकट नहीं देती है तो उन्हें भाजपा अपना प्रत्याशी बना सकती है। इसके जरिए भाजपा मुलायम के परिवार में आसानी से सेंध लगा सकती है। पिछले दो साल में अपर्णा की भाजपा के साथ रिश्ते बेहतर हुए हैं।
अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। अपर्णा अपने विचारों को खुलेतौर पर रखती हैं। पिछले दिनों उन्होंने आजम खान को भी कठघरे में खड़ा किया था। असल में राज्य में हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में मुलायम की सिफारिश पर अखिलेश यादव ने अपर्णा को लखनऊ के कैंट सीट से टिकट दिया था।
हालांकि अपर्णा को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि अपर्णा को टिकट दिए जाने के बाद अखिलेश ने उनके लिए कैंट में प्रचार नहीं किया। लिहाजा अब अपर्णा फिर से पार्टी नेतृत्व से लखनऊ की कैंट सीट में होने वाले उपचुनाव के लिए टिकट दावा कर रही हैं।
ये सीट भाजपा नेता रीता बहुगुणा जोशी के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई है। चर्चा ये भी है कि अखिलेश यादव और अपर्णा यादव के बीच मतभेद भी हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि पार्टी किसी अन्य को टिकट दे सकती है। अखिलेश की अपर्णा से नाराजगी को इसी बात से समझा जा सकता है कि जब अपर्णा ने संभल सीट से लोकसभा का टिकट मांगा तो अखिलेश ने शफीकुर रहमान बर्क को पार्टी का टिकट दिया।
गौरतलब है कि 2016 में यादव परिवार में विवाद हुआ था और मुलायम से छोटे भाई शिवपाल सिंह ने अपने अलग पार्टी बनाई थी तो पार्टी की लांचिंग पर अपर्णा मुलायम सिंह के साथ शिवपाल के मंच पर दिखी थी। जिसके बाद अखिलेश उनसे नाराज चल रहे हैं।
अब अपर्णा पार्टी से फिर टिकट चाह रही हैं। लिहाजा चर्चा है कि अगर पार्टी अपर्णा को टिकट नहीं देती है तो वह बगावत कर भाजपा का दामन थाम सकती हैं। अपर्णा कई बार पीएम नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर चुकी हैं। योगी आदित्यनाथ और अपर्णा दोनों उत्तराखंड के मूल निवासी हैं। भाजपा अपर्णा के जरिए समाजवादी पार्टी में एक तरह से फाड़ करा सकती है। क्योंकि अपर्णा को मुलायम सिंह का आर्शीवाद मिला हुआ है।