असल में महंगाई दर में इजाफा हुआ है और देश में खाद्य उत्पादों की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में फिलहाल दालों की कीमतों में तेजी आई है। लिहाजा केन्द्र सरकार ने दाल का इंपोर्ट बढ़ाने का फैसला किया है।
नई दिल्ली। देश में महंगी हो रही है दालों को लेकर केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है और केन्द्र सरकार अब देश में दालों की बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए एक्शन में आ गई है। लिहाजा माना जा रहा है कि वर्तमान में आसमान छूती कीमतें आने वाले कुछ दिनों में कम हो सकती हैं। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने दालों का आयात बढ़ाने का फैसला किया है।
असल में महंगाई दर में इजाफा हुआ है और देश में खाद्य उत्पादों की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में फिलहाल दालों की कीमतों में तेजी आई है। लिहाजा केन्द्र सरकार ने दाल का इंपोर्ट बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड यानी डीजीएफटी उड़द और अरहर (तुअर) का इम्पोर्ट कोटा जारी किया है और केन्द्र सरकार ने चार लाख टन अरहर आयात करने की मंजूरी दी है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने करीब 1.5 लाख टन उड़द भी आयात करने का फैसला किया है। देश में महंगी हो रही दालों के लिए कारोबारियों को 15 नवंबर तक 4 लाख टन अरहर का आयात करना होगा।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय का कहना है कि देश में अरहर और उड़द की खरीफ की फसल के कटाई का समय करीब आने के बावजूद देश में दालों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इन दालों की खुदरा कीमतें पिछले साल की तुलना में अधिक बनी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक अरहर और उड़द औसत खुदरा कीमतों में क्रमश: 23.71 फीसदी और 39.10 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। वहीं देश में 15 दिनों के दौरान 20 फीसदी का इजाफा देखा गया है। वहीं आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु ने लगभग एक लाख टन तुअर दाल की जरूरत के लिए केन्द्र सरकार को लिखा है। वहीं केन्द्र सरकार का मानना है कि आने वाले दिनों में दालों की मांग अन्य राज्यों से भी आ सकती है। जिसके कारण कीमतों में इजाफा हो सकता है।
असल में केन्द्र सरकार पिछले पांच साल से दालों और प्याज के बफर स्टॉक का निर्माण कर रही है। वहीं केन्द्र देश में दालों की मांग को देखते हुए 20 लाख टन दालों के बफर स्टॉक बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। वहीं बाजार के जानकारों का कहना है कि कर्नाटक में अरहर की फसल पर ज्यादा बारिश का असर होने के कारण पैदावार में 10 फीसदी की गिरावट देखी गई है। वहीं पिछले एक महीने पहले तक 80 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम मिलने वाली अरहर दाल में 20 से 25 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है।