खामोश हो गई आंखों देखा हाल सुनाने वाली आवाज, कमेंटेटर जसदेव सिंह का निधन

By Team Mynation  |  First Published Sep 25, 2018, 7:04 PM IST

जसदेव सिंह ने छह बार एशियाई खेलों और इतनी ही बार हॉकी विश्व कप में कमेंट्री की। उन्होंने 1963 से 48 वर्षों तक गणतंत्र दिवस का आंखों देखा हाल सुनाया। जसदेव सिंह को 1985 में पद्म श्री और 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 

क्रिकेट सहित विभिन्न खेलों का आंखों देखा हाल सुनाने वाले देश के बेहद लोकप्रिय कमेंटेटर जसदेव सिंह की आवाज अब सदा के लिए मौन हो गई है। वह 87 वर्ष के थे। दूरदर्शन पर 70 और 80 के दशक में खेल प्रसारण के मामले में रवि चतुर्वेदी और सुशील दोशी के साथ जसदेव सिंह खेल-प्रेमियों के लिए जाना माना नाम थे। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। 

खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘मुझे यह जानकर काफी दुख हुआ कि बेहतरीन कमेंटेटर रहे जसदेव सिंह का निधन हो गया। वह आकाशवाणी और दूरदर्शन के सर्वश्रेष्ठ कमेंटेटरों में से एक रहे हैं। उन्होंने नौ ओलंपिक, छह एशियाई खेलों और अनगिनत बार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस प्रसारण का आंखों देखा हाल सुनाया था।’ 

It is with deep sadness that I note the demise of Sh Jasdev Singh, one of our finest commentators.

A veteran of & , he covered 9 Olympics, 6 Asian Games & countless Independence Day & Republic Day broadcasts.

His demise is truly the end of an era.

— Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe)

चतुर्वेदी और दोशी मुख्य रूप से क्रिकेट कमेंट्री में थे जबकि जसदेव सिंह ओलंपिक खेलों में नियमित थे। उन्होंने हेलसिंकी (1968) से मेलबर्न (2000) तक ओलंपिक के नौ सत्रों में कमेंट्री की। ओलंपिक परिषद के पूर्व प्रमुख जुआन एंटोनियो समारांच ने उन्हें 1988 सोल ओलंपिक में इन खेलों को बढ़ावा देने के लिए 'ओलंपिक ऑडर' से सम्मानित किया था।

उन्होंने छह बार एशियाई खेलों और इतनी ही बार हॉकी विश्व कप में कमेंट्री की थी। उन्होंने 1963 से 48 वर्षों तक गणतंत्र दिवस का आंखों देखा हाल सुनाया था। उन्हें 1985 में पद्म श्री और 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 

 

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