मराठा आरक्षण पर फड़णवीस का बड़ा संकेत, कहा - पहली दिसंबर को जश्न के लिए तैयार रहें

By Team MyNationFirst Published Nov 15, 2018, 5:53 PM IST
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बोले - महाराष्ट्र के पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा आरक्षण को लेकर अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी है। 

महाराष्ट्र सरकार जल्द ही मराठा समुदाय को आरक्षण का ऐलान कर सकती है। मुख्यमंत्री ने देवेंद्र फड़णवीस ने अहमदनगर में एक रैली में इसके संकेत दिए हैं। सीएम ने खुद कहा है कि पहली दिसंबर को जश्न की तैयारी कीजिए। सरकार को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट मिल गई है। 

इस साल जुलाई में राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर कई जगह आंदोलन हुए थे। नवी मुंबई में हिंसा भी हुई थी। इसके बाद अगस्त में फड़णवीस सरकार ने आरक्षण को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं के साथ बैठक हुई और मराठा समुदाय को कानूनी तरीके से आरक्षण देने के लिए एक संयुक्त बयान पर दस्तखत किए गए। राज्य सरकार मराठा आरक्षण के समर्थन में पूरी तरह से खड़ी है। हम इसे जल्द से जल्द करने के लिए जरूरी प्रक्रिया के हिसाब से चल रहे हैं। 

We have received report on Maratha reservation from Backwards Commission. I request all of you to prepare to celebrate on December 1: Maharashtra CM Devendra Fadnavis at a rally in Ahmednagar pic.twitter.com/MxsJ4zYf9B

— ANI (@ANI)

सीएम फड़णवीस पहले ही कह चुके हैं कि 'हमें यह वास्‍तव में साबित करना होगा कि मराठा वास्‍तव में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं। उनकी असाधारण परिस्थितियों और पिछड़ेपन को देखते हुए मराठा लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।' 

महाराष्ट्र राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव डी के जैन को सौंप दी।

एक सरकारी सूत्र के अनुसार रिपोर्ट में ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना, मराठा समुदाय की शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के पक्ष में सुझाव दिए गए हैं।

मुख्य सचिव डी के जैन ने रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय में पत्रकारों से कहा, ‘हमें रिपोर्ट मिल गई है, जो कि मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर आधारित है। अध्ययन के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।’ 

सरकारी सूत्र ने बताया कि आयोग ने उसे मिले दो लाख ज्ञापनों, लगभग 45,000 परिवारों के सर्वेक्षण के साथ ही मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के प्रायोगिक आंकड़ों का अध्ययन किया। इस पैनल का नेतृत्व न्यायमूर्ति एन जी गायकवाड़ (सेवानिवृत्त) ने किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा है कि जिस राज्‍य में 30 प्रतिशत आबादी मराठा हो, वहां 16 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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