रांची की रहने वाली ऋचा पटेल भारती इन दिनों सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों के बीच चर्चा में हैं। उन्हें स्थानीय अदालत ने कुरान की पांच प्रतियां बांटने की शर्त पर जमानत दी थी। लेकिन ऋचा ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है।
रांची: ऋचा का कहना है कि "फ़ेसबुक पोस्ट के लिए दूसरे धर्म (इस्लाम) के केंद्र पर जाकर कुरान बांटने का आदेश मुझे असहज कर रहा है। मुझे बहुत बुरा लग रहा है। मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हूं लेकिन मुझे यह भी अधिकार है कि मैं ऊपर के कोर्ट में अपनी बात रखूं। कोई मेरे मौलिक अधिकारों का हनन कैसे कर सकता है। फ़ेसबुक पर अपने धर्म के बारे में लिखना कहां का अपराध है। मुझे अचानक गिरफ़्तार कर लिया गया, जबकि मैं एक छात्रा हूं।"
ये बयान 19 साल की ऋचा का है। जिनको फेसबुक पर कथित रुप से धार्मिक रुप से विवादित पोस्ट लिखने पर गिरफ्तार कर लिया गया। ऋचा भारती स्नातक अंतिम वर्ष की छात्रा हैं। वह रांची के बाहरी इलाके पिठोरिया में अपने परिवार के साथ रहती हैं। उनके ख़िलाफ़ मुसलमानों के संगठन अंजुमन इस्लामिया ने पिठोरिया थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी।
जिसमें यह शिकायत थी कि ऋचा के फेसबुक और व्हाट्सएप पोस्ट से इस्लाम मानने वाले लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। इससे समाजिक सद्भाव बिगड़ सकता है।
शिकायत मिलने के 2 घंटे के भीतर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 19 साल की इस छात्रा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। लेकिन इसके विरोध में हिंदू संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने पिठोरिया थाना का घेराव कर उन्हें रिहा करने की मांग की थी। इसके अगले दिन रांची में भी प्रदर्शन कर अल्बर्ट एक्का चौक पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
ऋचा की गिरफ्तारी का विरोध करने वालों का कहना था कि ऋचा की उसी पोस्ट पर दूसरे मजहब के लोगों ने भी धार्मिक उन्माद फैलाते हुए सांप्रदायिक और हिंसक टिप्पणियां की थी। लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं करते हुए पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है।
इसके बाद रांची सिविल कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार ने 7-7 हजार के निजी मुचलके पर ऋचा को जमानत तो दे दी, साथ ही यह शर्त भी लगा दी कि वह केस दर्ज कराने वाली संस्था अंजुमन इस्लामिया कमेटी और पुस्तकालयों में 5 कुरान की प्रतियां दान करेंगी। अदालत ने इस दौरान ऋचा को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराने का आदेश दिया था और कहा था कि वह कुरान दान करने के साथ इसकी प्राप्ति रसीद अदालत में जमा करें।
लेकिन ऋचा ने कहा कि 'मैं कोर्ट का आदेश नहीं मानने जा रही हूं। आज मुझे कुरान बांटने के लिए बोल रहे हैं, कल बोलेंगे इस्लाम स्वीकार कर लो, नमाज पढ़ लो, कुछ और कर लो। यह कहां तक जायज है। मैं इस आदेश के खिलाफ उपर की अदालत में अपील करुंगी'।
अपनी धार्मिक मान्यताओं के साथ डराने धमकाने वाले मजहबी कट्टरपंथियों का बहादुरी से मुकाबला करते हुए अदालत के आदेश को नकारने वाली ऋचा पटेल उर्फ ऋचा भारती इन्हीं वजहों से सोशल मीडिया पर भी छाई हुई हैं।
If anyone have contact number of Richa Bharti Pls DM . Will help in filing petition in Supreme Court.
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga)
It would be very interesting to meet the Judge who passed this verdict. Amazing guy.
— Suresh N (@surnell)
I would like to see how many self-certified ‘liberal Muzlims’ come out to defend and her right to say NO to distributing Quran. If that A-hole Fsisu something was asked to distribute Geeta, every Jamaat-E-Fiberal guy would have been frothing at the mouth!
— Shefali Vaidya ஷெஃபாலி வைத்யா शेफाली वैद्य (@ShefVaidya)