जैसे जैसे 2019 का चुनाव आ रहा है देश के अलग अलग हिस्सों से कांग्रेस की अंदरुनी कलह की खबरें सामने आ रही है। ताजा खबर है कि ओडिशा में कांग्रेस पार्टी में भारी अंदरुनी घमासान चल रहा है। वहां एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री और विधायक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले भी एक विधायक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं।
ओडिशा में कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है। यहां पिछले कुछ दिनों में चार बड़े नेता कांग्रेस से या तो इस्तीफा दे चुके हैं या फिर उन्हें निकाला गया है।
ताजा मामले में वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे श्रीकांत जेना को निकाल दिया गया उनके साथ कोरापुट के विधायक कृष्णाचंद सागरिया को भी बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा।
ओडिशा कांग्रेस अनुशासन समिति के संयोजक आनंद सेठी ने एक बयान जारी करके बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की सिफारिश पर दोनों को पार्टी से हटाया गया है। दोनों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया गया है।'
इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पदाधिकारियों के खिलाफ भी बयान जारी किए हैं।
दरअसल ओडिशा में कुंडुली रेप पीड़िता के साथ न्याय न होने से खफा कोरापुल के विधायक सागरिया ने पिछले वर्ष नवंबर में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस्तीफा से पहले सागरिया ने ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक की जमकर आलोचना भी की थी।
श्रीकांत जेना पर सागरिया का साथ देने का आरोप है।
गुरुवार को सुंदरगढ़ से विधायक जोगेश सिंह को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों और जनता के बीच पार्टी की छवि खराब करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
इससे पहले पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नबा किशोर दास ने 16 जनवरी को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफा दे दिया था। वह सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) में शामिल होने जा रहे हैं।