पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाद अवध पर नजर, अवध को साधा तो दिल्ली दूर नहीं

By Team MyNation  |  First Published Apr 24, 2019, 2:05 PM IST

फिलहाल अब सबकी नजर अवध क्षेत्र के लखनऊ, अमेठी और रायबरेली पर लगी हुई हैं। अमेठी में एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच मुकाबला है। तो पड़ोसी रायबरेली में कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और वर्तमान में बीजेपी के प्रत्याशी दिनेश सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के बीच मुकाबला है। बहरहाल अवध क्षेत्र में बीजेपी ने अपने छह सांसदों के टिकट काटकर नए नेताओं पर दांव खेला है।


अवध क्षेत्र की 16 सीटों पर चौथे और पांचवें चरण में मतदान होना है और जिस भी पार्टी ने इसे साध लिया, उसके लिए दिल्ली का रास्ता साफ हो जाता है। लेकिन इस बार चुनाव में इस क्षेत्र में बीजेपी और एसपी और बीएसपी गठबंधन से सीधा मुकाबला है। हालांकि रायबरेली और अमेठी सीटों पर गठबंधन मुकाबले में नहीं है। लेकिन जिस भी राजनैतिक दल ने अवध का साध लिया तो उसके लिए दिल्ली की सत्ता ज्यादा दूर नहीं होगी। फिलहाल अवध क्षेत्र में 29 अप्रैल और 6 मई को मतदान होना है।

फिलहाल अब सबकी नजर अवध क्षेत्र के लखनऊ, अमेठी और रायबरेली पर लगी हुई हैं। अमेठी में एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच मुकाबला है। तो पड़ोसी रायबरेली में कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और वर्तमान में बीजेपी के प्रत्याशी दिनेश सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के बीच मुकाबला है। बहरहाल अवध क्षेत्र में बीजेपी ने अपने छह सांसदों के टिकट काटकर नए नेताओं पर दांव खेला है। जो कहीं उसके लिए नुकसानदेह साबित न हो जाए। बाराबंकी से प्रियंका रावत, मिश्रिख से अंजूबाला, हरदोई से अंशुल वर्मा, अम्बेडकरनगर से हरिओम पाण्डेय का टिकट काटा है।

रायबरेली से सोनिया के खिलाफ 2014 में लड़े अजय अग्रवाल की जगह कांग्रेस से ही आये दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं बहराइच से अक्षयवर लाल गोंड को टिकट दिया है क्योंकि बहराइच से सावित्री बाई फुले बीजेपी की सांसद थी, लेकिन उन्होंने चुनाव से पहले ही पार्टी से किनारा कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। वहीं राजधानी लखनऊ से लगातार आठवीं बार जीत की तरफ बढ़ रही बीजेपी ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को फिर से उतारा है। वहीं मोहनलालगंज सीट से कौशल किशोर को प्रत्याशी बनाया है। लखनऊ से गठबंधन की पूनम सिन्हा हैं तो कांग्रेस ने प्रमोद कृष्णम को टिकट दिया है जबकि मोहनलालगंज से एसपी-बीएसपी गठबंधन प्रत्याशी सीएल वर्मा को और कांग्रेस ने आरके चौधरी को टिकट दिया है।

सीतापुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने मौजूदा सांसद राजेश वर्मा को टिकट दिया है। राजेश वर्मा ने पिछले लोकसभा चुनाव में कैसरजहां को हराया था और इस बार वह कांग्रेस के टिकट से मैदान में हैं। वहीं गठबंधन की तरफ से बीएसपी नेता सतीश मिश्रा के करीबी नकुल दुबे चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि हरदोई लोकसभा क्षेत्र में इस बार समीकरण बदल गये हैं। वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल के छत्तीस का आंकड़ा होने के बाद मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा साइकिल पर सवार हो गए हैं। अवध क्षेत्र की उन्नाव लोकसभा सीट भी लड़ाई दिलचस्प हो गयी है। एसपी ने यहां से लखनऊ क रहने वाले अरुण शंकर शुक्ला को उतारा है।

तो यहां बीजेपी के मौजूदा सांसद सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज और कांग्रेस की पूर्व सांसद अन्नू टण्डन मैदान में हैं। फिलहाल लखनऊ से सटी बाराबंकी सीट पर बीजेपी ने विधायक उपेन्द्र रावत को मैदान में उतारा है। जबकि यहां से सांसद प्रियंका रावत को टिकट नहीं दिया है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को उतारा है। जबकि फैजाबाद से बीजेपी ने मौजूदा सांसद लल्लू सिंह को फिर से टिकट दिया है तो कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री व एसपी ने आनंद सेन को गठबंधन का प्रत्याशी बनाया है।

फिलहाल मुकाबला रायबरेली और अमेठी सीट पर दिलचस्प माना जा रहा है। क्योंकि यहां पर कांग्रेस के प्रत्याशी को बीजेपी की तरफ से टक्कर मिल रही है। अम्बेडकरनगर सीट पर बीजेपी ने यूपी सरकार के मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को उतारा है तो गठबंधन की तरफ से बीसएपी विधायक रितेष पाण्डेय मैदान में है। यहां पर इन दोनों दलों के बीच में मुकाबला माना जा रहा है।

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