विजयादशमी के मौके पर संघ प्रमुख का राम मंदिर के लिए बड़ा बयान

By Team Mynation  |  First Published Oct 18, 2018, 9:12 AM IST

संघ द्वारा आयोजित इस पथ संचालन और स्थापना दिवस समारोह में कार्यक्रम में बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक और नोबेल शांती पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद हैं। कैलाश सत्यार्थी मंच पर वे संघ प्रमुख के बगल में बैठे नजर आए।

नागपुर--राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज अपना 93वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर नागपुर में संघ के स्वयंसेवकों ने परंपरागत पथ संचलन किया गया। इस मौके पर बोलते हुए संघ प्रमुख ने अयोध्या राम मंदिर बनाने की वकालत की। भागवत ने कहा कि राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के हैं। अयोध्या में भगवान राम का मंदिर किसी भी मार्ग से बने लेकिन उनका मंदिर बनना चाहिए। सरकार को इसके लिए कानून लाना चाहिए। लोग कहते हैं कि इनकी सत्ता है फिर भी मंदिर क्यों नहीं बना।

मोहन भागवत ने सबरीमाला के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि, सबरीमाला के निर्णय का उद्देश्य स्त्री-पुरुष समानता का था, लेकिन इससे वहां पर असंतोष पैदा हो गया। ये परंपरा है, उसके पीछे कई कारण होते हैं। कोर्ट के फैसले से वहां पर असंतोष पैदा हो गया है। इतने वर्षों से परंपरा चल रही है वह टूट गई, जिन्होंने याचिका डाली वो कभी मंदिर नहीं गए, जो महिलाएं आंदोलन कर रही हैं वो आस्था को मानती हैं। धर्म के मुद्दे पर धर्माचार्यों से बात होनी चाहिए, वो बदलाव की बात को समझते हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत अगर पंचामृत के मंत्र पर आगे बढ़ेगा तो एक बार फिर विश्वगुरू बन सकता है। एक भयानक आंधी बाबर के रूप में आई और उसने हमारे देश के हिंदू-मुसलमानों को नहीं बख्शा उसके नीचे समाज रौंदा जाने लगा।

मोहन भागवत ने कहा कि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ लेकिन उसकी हरकतों में कोई अंतर नहीं आया। हमें इतना बलवान होना पड़ेगा ताकि कोई हमारे ऊपर आक्रमण करने की हिम्मत ना कर पाए। हाल के वर्षों में दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।

 

Nagpur: Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) Chief Mohan Bhagwat and Union Minister Nitin Gadkari at RSS Vijayadashami Utsav. pic.twitter.com/uPhj0eNJnD

— ANI (@ANI)

मोहन भागवत ने कहा कि समुद्री सीमा की रक्षा की भी जरूरत है। उन्होंने चीन से आने वाले खतरे के प्रति आगाह करते हुए कहा कि वे 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल' पर काम कर रहे हैं और उन्होंने समुद्री देशों की मदद से ऐसा किया है। 

उन्होंने अर्बन नक्सल पर बोलते हुए कहा कि देश में चले छोटे आंदोलनों में भारत तेरे टुकड़े होंगे कहने वाले भी दिखे। इस पर चिंता जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर इनका प्रचार चल रहा है और उसका कंटेंट पाकिस्तान, इटली, अमेरिका से आ रहा है। 

भागवत ने बिना नाम लिए एससी-एसटटी ऐक्ट पर पैदा हुए हालिया गतिरोध का भी जिक्र किया। उन्होंने एक तरह से मोदी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि समाज में फैल रहे असंतोष का हल करना होगा, दबे लोगों को उनका हक देना होगा।

भागवत ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के आधार पर राजनीति की कल्पना की। इसी कारण ही देश अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हुआ। हम किसी की शत्रुता नहीं करते हैं, लेकिन दुनिया में हमारी शत्रुता करने वाले लोग हैं।

संघ द्वारा आयोजित इस पथ संचालन और स्थापना दिवस समारोह में कार्यक्रम में बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक और नोबेल शांती पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद रहे। कैलाश सत्यार्थी मंच पर वे संघ प्रमुख के बगल में बैठे नजर आए।इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, मशहूर गायक उस्ताद रशीद खान भी मौजूद हैं रहे।

आपको बता दें कि संघ हर साल विजयादशमी के मौके पर शस्त्र पूजन करता है। इस मौके पर बड़ी संख्या में स्वयंमसेवक यहा पर इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचते हैं। 

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