मोदी सरकार की एक और सफलता, लंदन कोर्ट ने माल्या के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी

By Team MyNationFirst Published Dec 9, 2018, 5:13 PM IST
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वेस्ट मिनिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मामला ब्रिटेन के विदेश मंत्री को भेजा। लंदन कोर्ट में माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए साई मनोहर और ईडी के अफसर मौजूद थे। 

बैंकों का कर्ज लेकर विदेश भागने वाले उदयोगपति विजय माल्या को करारा झटका लगा है। सोमवार को लंदन की एक अदालत ने माल्या के भारत प्रत्यर्पण को हरी झंडी दे दी। अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण का मामला कार्रवाई के लिए  ब्रिटेन के विदेश मंत्री को भेज दिया है। इस मामले की सुनवाई के लिए सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए.साई मनोहर लंदन पहुंचे थे। उनके साथ ईडी के अफसर भी लंदन में हैं। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, मीडिया की खबरों से हमें पता चला है कि लंदन की एक अदालत ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। 

सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘हम फैसले का स्वागत करते हैं। हमें माल्या को जल्द वापस लाकर मामले को निपटाने की आशा है। सीबीआई की अपनी आंतरिक मजबूती है। हमने इस मामले में मेहनत की। हम कानून और तथ्यों पर मजबूत हैं और हम प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढाते हुए विश्वस्त थे।’ 

माल्या के प्रत्यर्पण को हरी झंडी मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे भारत के लिए बड़ा दिन बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'भारत को धोखा देने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। ब्रिटिश अदालत का फैसला स्वागत योग्य है। यूपीए के समय धोखाधड़ी करने वाले वाले को एनडीए कानून के घेरे में ले आई है।'

Great Day for India. No one who cheats India will go scot free.
The Judgement of UK’s Court is welcome. An offender benefited during the UPA. The NDA brings him to book.

— Arun Jaitley (@arunjaitley)

भारतीय बैंकों से करोड़ों का कर्ज लेकर ब्रिटेन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत भेजने के मामले में लंदन के वेस्ट मिनिस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में मामला चल रहा था। भारतीय जांच एजेंसियां किसी भी कीमत पर माल्या को अपनी गिरफ्त में लेना चाहती थीं, इसलिए लिए सीबीआई और ईडी के अफसर लंदन पहुंचे थे। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत की मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा आबुथनॉट ने माल्या के प्रत्यर्पण की अनुमति दी। 

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अगस्ता वेस्टलैंड मामले में दलाल क्रिश्चियन मिशेल की गिरफ्तारी के बाद माल्या के ऊपर दबाव बढ़ गया था और उसने बैंकों का पूरा कर्ज लौटाने की बात भी कही थी। माल्या ने ट्वीट के जरिए पूरा कर्ज लौटाने की बात कही और उसका कहना था कि बैंकों को उसकी पेशकश को मान लेना चाहिए।

इस समय ब्रिटेन में रह रहा 62 वर्षीय माल्या पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से जमानत पर है। माल्या पर भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। उस पर किंगफिशर एयरलाइन के लिए बैंकों से लिए कर्ज में हेराफेरी और और मनी लॉड्रिंग का आरोप है। यह एयरलाइन बंद हो चुकी है। 

सीबीआई ने पिछले तीन दिन पहले अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर डील के कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से गिरफ्तार किया था और जिसके बाद बैंकों से कर्ज लेने वाले भगोड़े लोगों की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं। केंद्र सरकार विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे आर्थिक अपराधियों को भारत प्रत्यर्पित कराने की कोशिश कर रही है।

माल्या को भारत को सौंपने की अर्जी को माल्या ने चुनौती दी थी। यह बहुचर्चित मामला वहां करीब एक साल चला। माल्या ने दलील दी थी कि उन्होंने बैंकों के साथ कोई हेराफेरी या चोरी नहीं की है। उन्होंने दिन में कहा था था भारतीय बैंकों को मूल राशि लौटाने की पेशकश ‘फर्जी’ नहीं है। 

माल्या ने सोमवार को अदालत के बाहर कहा, ‘कर्ज निपटाने की मेरी पेशकश कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष की गई है। प्रत्यर्पण मुकदमे से उसका संबंध नहीं है। कोई फर्जी पेशकश कर के न्यायालय की अवमानना नहीं कर सकता। ईडी ने संपत्तियां कुर्क की हैं। वे फर्जी संपत्तियां नहीं हैं।’  

माल्या ने कहा कि उनकी संपत्तियों का मूल्य इतना है जिससे वह सभी का भुगतान कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका ध्यान इसी पर है। उन्होंने कहा कि उनकी कानूनी टीम इस फैसले की समीक्षा के बाद आगे कदम उठाएगी। कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष की गई पेशकश के बारे में माल्या ने कहा कि यदि निपटान की अनुमति दी जाती है तो सबसे पहले किंगफिशर के कर्मचारियों का भुगतान किया जाना चाहिए। 

यह मामला पिछले साल चार दिसंबर को मजिस्ट्रेट अदालत में शुरू हुआ था। इस मामले की सुनवाई के लिए शुरू में सात दिन रखे गए थे, लेकिन सुनवाई इससे कहीं अधिक चली। 

 

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