सीपीएम ने माना, सबरीमला मंदिर मुद्दे ने चुनावों में पहुंचाया नुकसान

सीपीएम के मुखपत्र ‘देशभिमानी’ में  कहा गया है कि सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मसले को कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा ने चुनावी अभियान में खूब भुनाया। इसका पार्टी ‘समर्थकों’ पर ‘बड़ा असर’ पड़ा।

Sabarimala row reason for Kerala Lok Sabha polls poor show says CPM

तिरुवनंतपुरम। लेफ्ट पार्टियों ने मान लिया है कि केरल के सबरीमला मंदिर विवाद के चलते पार्टी को लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा। केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ गठबंधन में शामिल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के मुताबिक, सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मसले का चुनाव पर ‘बहुत बड़ा असर’ पड़ा है। एलडीएफ राज्य में केवल एक ही सीट पर जीत हासिल कर सका है।

पार्टी की केंद्रीय समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसपर राज्य समिति की रविवार और सोमवार को हुई दो दिवसीय बैठक के दौरान चर्चा हुई। इसके कुछ अंश बुधवार को पार्टी के मुखपत्र ‘देशभिमानी’ में प्रकाशित हुए।

इसमें कहा गया है कि सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मसले को विपक्षी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा ने चुनावी अभियान में खूब भुनाया और पार्टी के ‘समर्थकों’ के मध्य एक ‘बड़ा असर’ पड़ा।

यह पहली बार है जब सीपीएम ने यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि करीब चालीस साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा के दो जनवरी को भगवान अयप्पा के दर्शन की घटना ने वाममोर्चे की हार में योगदान दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल 28 सितम्बर को दिए फैसले में सबरीमला के भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी। इससे पूर्व एक खास आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी।

इससे पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश लोकसभा चुनाव में वाममोर्चे की करारी हार की वजह नहीं है। लोगों ने विपक्षी कांग्रेस को इस उम्मीद में वोट दिया क्योंकि उन्हें लगता था कि वह केंद्र में आ रही है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सीपीएम लोगों की नब्ज पकड़ने में नाकामयाब रही और यह उसकी ‘गंभीर’ गलती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी युवाओं को अपनी ओर खींच नहीं सकी और वह भाजपा की तरह सोशल मीडिया के इस्तेमाल करना चाहती है। (इनपुट भाषा)
 

vuukle one pixel image
click me!