सुप्रीम कोर्ट आज सीबीआई VS सीबीआई मामले में दे सकता है फैसला

By Team MyNation  |  First Published Jan 8, 2019, 10:28 AM IST

सीबीआई बनाम सीबीआई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुना सकता है. पिछले दिनों सीबीआई का विवाद पब्लिक डोमेन में आने के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था. सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने पूर्व जाइंट डायरेक्टर राकेश अस्थाना के साथ विवाद के चलते शक्तियां छीने जाने और छुट्टी पर भेजने के खिलाफ याचिका दायर की थी.

सीबीआई बनाम सीबीआई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुना सकता है. पिछले दिनों सीबीआई का विवाद पब्लिक डोमेन में आने के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था. सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने पूर्व जाइंट डायरेक्टर राकेश अस्थाना के साथ विवाद के चलते शक्तियां छीने जाने और छुट्टी पर भेजने के खिलाफ याचिका दायर की थी. फिलहाल इस फैसले पर सबकी नजर लगी हुई है.

सीबीआई बनाम सीबीआई के चर्चित मामले में आज सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला सुना सकता. जिस पर पूरे देश की नजर लगी हुई है. पिछले दिनों सीबीआई में निदेशक आलोक वर्मा और संयुक्त निदेशक राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद के बाद ये मामला सबके सामने आया था. उसे बाद आलोक वर्मा ने अस्थाना से हुए विवाद के बाद केन्द्र सरकार द्वारा शक्तियां छीने जाने और छुट्टी पर भेजने के खिलाफ याचिका दायर की थी. असल में अस्थाना और वर्मा के बीच भ्रष्टाचार को लेकर छिड़ी जंग के सार्वजनिक होने के बाद मोदी सरकार ने दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया था.

ये मामला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जज संजय किशन कौल और जज केएम जोसेफ की पीठ में चल रहा है और पीठ ने पिछले साल आलोक वर्मा की याचिका पर वर्मा, केन्द्र, सीवीसी और अन्य की दलीलों पर सुनवाई पूरी करते हुये इसका फैसला अगली तारीख तक रोक दिया था. पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन याचिका पर भी सुनवाई की थी. इस संगठन ने अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल से राकेश अस्थाना सहित जांच ब्यूरो के तमाम अधिकारियों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराने का अनुरोध किया था.

पीठ ने सीबीआई की गरिमा बनाये रखने के उद्देश्य से केन्द्रीय सतर्कता आयोग को कैबिनेट सचिव से मिले पत्र में लगाये गये आरोपों की जांच दो सप्ताह के भीतर पूरी करके अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपने का निर्देश दिया था. इसके अलावा अदालत ने सीवीसी जांच की निगरानी की जिम्मेदारी शीर्ष अदालत के अवकाश प्राप्त जज ए के पटनायक को सौंपी थी. गौरतलब है कि दोनों अफसरों के बीच विवादों के बाद दोनों को हटा दिया गया और संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को अंतरिम मुखिया बना दिया था. 

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