कोर्ट में संजय चंद्रा की ओर से पेश वकीलों ने उनकी ज़मानत के किये कई बार आग्रह किया, लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक फोरेसिंक ऑडिट नहीं हो जाता, तब तक ज़मानत की अर्जी पर विचार नहीं होगा।
नई दिल्ली-- सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक बिल्डर पर कड़ी कार्रवाई की है। कोर्ट ने यूनिटेक की सभी 74 कंपनियों के ऑडिट करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जो साल 2006 से यूनिटेक की सभी 74 कंपनियों और उनकी सहायक कंपनियों के खातों का ऑडिट करेगी।
कोर्ट में संजय चंद्रा की ओर से पेश वकीलों ने उनकी ज़मानत के किये कई बार आग्रह किया, लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक फोरेसिंक ऑडिट नहीं हो जाता, तब तक ज़मानत की अर्जी पर विचार नहीं होगा।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अकाउंटिंग फर्म ग्रांट थॉर्नटन से यूनिटेक और इसकी सभी सहायक कंपनियों का जनवरी 2006 से ऑडिट करने को कहा। अदालत ने ग्रांट थॉर्नटन से 14 दिसंबर तक प्राथमिक रिपोर्ट देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि अकाउंट की छोटी-से-छोटी जानकारी को फॉरेंसिक ऑडिट कहा जाता है।
इससे पहले पांच जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एसएन धींगरा की अध्यक्षता वाले पैनल से यूनिटेक की आगरा और वाराणसी स्थित संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने को कहा था। जो खरीदार फ्लैट
नहीं लेना चाहते हैं, उनके पैसे वापस करने के लिए अदालत ने इसकी श्रीपेरंबुदूर (तमिलनाडु) स्थित संपत्ति नीलाम करने का भी आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने दोनों फोरेंसिक ऑडिटर के साथ अगले शुक्रवार को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।