बिहार में कांग्रेस ने राजद को माना बड़ा भाई, महागठबंधन में राजद को 20 तो कांग्रेस को मिली 10 सीटें

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में यूपीए के घटक दलों में सीटों का बंटवारा हो गया है। बिहार में राजद 20 सीटों पर तो कांग्रेस 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि दोनों दलों ने 10 सीट सहयोगी दलों के लिए रखी हैं। इन दलों के इनके वोटबैंक को देखते हुए सीटें दी जाएंगी।

Seat allocation final in bihar among the upa mahagathbadhan, congress gets 10 and rjd 20

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में यूपीए के घटक दलों में सीटों का बंटवारा हो गया है। बिहार में राजद 20 सीटों पर तो कांग्रेस 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि दोनों दलों ने 10 सीट सहयोगी दलों के लिए रखी हैं। इन दलों के इनके वोटबैंक को देखते हुए सीटें दी जाएंगी।

करीब एक महीने की गहमागहमी के बाद बिहार में यूपीए के दो मुख्य दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। राजद को आगामी लोकसभा के लिए राज्य में 20 सीटें मिली हैं तो कांग्रेस को महज 10 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। जबकि कांग्रेस राज्य में ज्यादा सीटें चाह रही थी। लेकिन राजद अन्य सहयोगी दलों के लिए दस ही सीट देने के तैयार था। राज्य में ये तय हो गया है कि कांग्रेस छोटे भाई और राजद बड़े भाई के तौर पर चुनाव लड़ेगा और उसके बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी यही फार्मूला अपनाया जाएगा। बहरहाल इन दलों के बीच राज्य में सीटों का बंटवारा राहुल गांधी की रविवार को होने वाली रैली से पहले किया गया है।

रविवार को कांग्रेस की पटना में रैली है और इसमें राज्य के  सभी सहयोगी दलों को आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस की ये रैली राज्य में 28 साल बाद हो रही है। इसे कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। राज्य में लोकसभा की 40 सीटें है और राजद और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा होने के बाद अब दस सीटों पर सहयोगी दलों की दावेदारी है। ऐसा माना जा रहा है कि सीटों के बंटवारे का ऐलान तीन फरवरी को राहुल गांधी की रैली में हो सकता है। कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के बंटवारे के बाद माना जा रहा है कि कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को तीन और शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) को दो सीटें मिली है।

इसके अलावा जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर (हम से) को दो और वाम दलों को दो सीटें मिलती सकती हैं। राज्य में इस महागठबंधन में कांग्रेस, राजद, रालोसपा, हम (से), लोजद, वीआईपी और वाम दल (सीपीआई और माले) शामिल हैं। नए फॉर्मूले के तहत रालोसपा के उम्मीदवार काराकाट, मोतिहारी सीटों पर और लोजद के उम्मीदवार मधेपुरा से लड़ेंगे। ऐसा भी कह जा रहा है कि छोटे दल एक चुनाव निशान पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि कुछ दिन पहले राजद नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा था कि छोटे दलों को राजद या कांग्रेस के चुनाव निशान पर चुनाव लड़ना चाहिए, ताकि वोटों का बंटवारा न हो। हालांकि इस गठबंधन में शामिल छोटे दलों ने इसका विरोध किया था।
 

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