कश्मीर घाटी में एनकाउंटर के दौरान स्थानीय पत्थरबाज सुरक्षाबलों का सिरदर्द बन जाते हैं। कुछ लोग आतंकियों को बचाने के लिए मुठभेड़ के दौरान घटनास्थल पर पहुंचकर सुरक्षाबलों पर पथराव करते हैं। ताकि उनका ध्यान बंट जाए और आतंकियों को मौके से फरार होने का अवसर मिल सके।
कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ चलने वाले अभियानों के दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए बारामुला में एक अहम फैसला लिया गया है। बारामुला के डीएम डॉक्टर नासिर अहमद नक्काश ने मुठभेड़ के दौरान घटनास्थल के 3 किलोमीटर तक के दायरे में धारा 144 लगाने का निर्देश दिया है। इस धारा का उल्लंघन करने वाले को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है। वैसे यह एक जमानती अपराध है।
कश्मीर घाटी में एनकाउंटर के दौरान स्थानीय पत्थरबाज सुरक्षाबलों का सिरदर्द बन जाते हैं। कुछ लोग आतंकियों को बचाने के लिए मुठभेड़ के दौरान घटनास्थल पर पहुंचकर सुरक्षाबलों पर पथराव करते हैं। ताकि उनका ध्यान बंट जाए और आतंकियों को मौके से फरार होने का अवसर मिल सके।
जिला प्रशासन ने लोगों की सहूलियत को देखते हुए यह फैसला लिया है। हालांकि मेडिकल स्टाफ, सरकारी अधिकारी और एंबुलेंस पर यह लागू नहीं होगा।
यह फैसला पुलवामा में एनकाउंटर में खलल डाल रहे एक पत्थरबाज की सुरक्षाबलों की जवाबी करवाई में मौत के दो दिन बाद आया है।
क्या होती है धारा 144
सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है। इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट एक नोटिफिकेशन जारी करता है। जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं। इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियार ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है।
उल्लंघन पर कितनी सजा
धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। उसकी गिरफ्तारी धारा-107 या धारा-151 के तहत की जा सकती है। एक साल कैद तक की सजा भी हो सकती है। वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत मिल जाती है।