सीआरपीएफ और बीएसएफ की ताकत में भारी इजाफा हुआ है। यही दोनों अर्द्धसैनिक बल आतंकवादियों, सीमा-सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, नक्सलियों और उग्रवादियों से संघर्ष कर रहे हैं।
नक्सलियों और आतंकियों के खिलाफ संघर्ष के लिए केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों को 36 हजार नई ऑटोमेटिक रायफलें दी गई हैं। यह सभी रायफलें अत्याधुनिक एके-सीरिज की हैं। इसमें से कुछ रायफलें चुनिंदा राज्यों के पुलिसबल को भी दिया गया है। गृह-मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, कि अभी हाल ही में यह रायफलें बुल्गारिया से खरीदी गई थीं। इसके लिए वैश्विक निविदा(टेंडर) निकाले गए थे। टेंडर प्रक्रिया एक साल से जारी थी। लेकिन हथियारों की आपूर्ति अब शुरु हुई है।
इन रायफलों के जखीरे का बड़ा हिस्सा सीआरपीएफ और बीएसएफ को सौंपा जा रहा है। क्योंकि यही दोनों अर्द्धसैनिक बल आतंकवादियों, सीमा-सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, नक्सलियों और उग्रवादियों से संघर्ष कर रहे हैं।
एके-सीरिज की ऑटोमेटिक रायफलें पूरी दुनिया में पसंद की जाती हैं। क्योंकि यह हर मौसम में उपयोगी होती हैं, इनकी फायर पावर जबरदस्त होती है और इनकी देख-रेख बेहद आसान होती है।
हालांकि हमारे देश में भी इंसास(इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम) रायफल बनाई जाती है। लेकिन सुरक्षाबल इन्हें ज्यादा पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि इसमें लगातार फायर करने पर बैरल(नली) गर्म होने की शिकायत आती है।
नई आ रही एके-सीरिज की रायफलों में भारतीय परिस्थितियों के मुताबिक कुछ बदलाव भी किए गए हैं।
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि महीने भर के अंदर सभी रायफलें जम्मू कश्मीर और नक्सली इलाकों में तैनात जवानों के हाथों में सौंप दी जाएगी।