फिलहाल केन्द्रीय गृहमंत्रालय देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध और हिंसक प्रदर्शकों को लेकर सख्त है। केन्द्र सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस कानून को किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि विपक्षी दल केन्द्र सरकार पर इस कानून को वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं।
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून को को लेकर देश भर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए आला अफसरों की अहम बैठक बुलाई है। देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन को लेकर शाह चिंतित हैं। हाल में गृहमंत्रालय कुछ दिन पहले राज्यों को इसके लिए एडवाइजरी जारी कर चुका है।
फिलहाल केन्द्रीय गृहमंत्रालय देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध और हिंसक प्रदर्शकों को लेकर सख्त है। केन्द्र सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस कानून को किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि विपक्षी दल केन्द्र सरकार पर इस कानून को वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। लिहाजा आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आला अफसरों की अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में विभिन्न राज्यों में हो रहे प्रदर्शनों पर चर्चा हुई है और इन रोकने के लिए राज्य सरकारों से बातचीत करने का आदेश दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में खासतौर से लखनऊ में हुई हिंसा पर भी चर्चा हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ गृहमंत्रालय के आला अफसर मौजूद थे। विरोध विरोध प्रदर्शनों के देखते हुए माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेगा। पिछले कुछ दिनों में कई राज्यो में हिंसा की घटना में तेजी आई है।
उत्तर प्रदेश के मऊ, संभल, आजमगढ़ और लखनऊ में हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को भी निशाना बनाया है और सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है। लखनऊ में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौके के साथ ही कई गाड़ियों में आग लगा दी गई है। गौरतलब है कि नौ दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा और ग्यारह दिसंबर को राज्यसभा से पारित हुआ। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया और वहां से इसे मंजूरी मिल गई है।