ट्राई की ओर से कहा गया है कि नए सिस्टम में उपभोक्ताओं पर टीवी चैनल थोपे नहीं जा सकते हैं, बल्कि वह केवल उन्हीं चैनलों को चुन सकते हैं, जिन्हें देखना चाहते हैं।
दूरसंचार नियामक ट्राई ने उपभोक्ताओं को चैनल चुनने की आजादी की नई व्यवस्था से जुड़ने के लिए एक महीने यानी 31 जनवरी तक का समय दिया है। ट्राई ने प्रसारण और केबल सेवाओं के लिए नया फ्रेमवर्क बनाया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सचिव एस के गुप्ता के अनुसार, ‘हमने प्रसारकों, डीटीएच ऑपरेटरों और एमएसओ (मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों) के साथ एक बैठक की। सभी ने नए नियमों को लागू करने की अपनी तत्परता की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने अनुरोध किया कि ग्राहकों को कुछ और समय दिया जाए ताकि वे सुगम और व्यवधान मुक्त सेवा के लिए विकल्पों का चयन कर सकें।’
ट्राई की ओर से कहा गया है कि नए सिस्टम में उपभोक्ताओं पर टीवी चैनल थोपे नहीं जा सकते हैं, बल्कि वह केवल उन्हीं चैनलों को चुन सकते हैं, जिन्हें देखना चाहते हैं। इन्हीं चैनलों के लिए ग्राहकों को भुगतान भी करना होगा। सभी चैनल अलग-अलग और बुके के रूप में उपलब्ध होंगे, जिन्हें उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार चुन सकता है। इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम गाइड (ईपीजी) के जरिये टीवी स्क्रीन पर हर चैनल की एमआरपी लिखी होगी। कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर प्रसारक की ओर से तय कीमत से ज्यादा नहीं वसूल सकता।
हर महीने कितना खर्च?
ग्राहकों को हर महीने 100 चैनलों के लिए अधिकतम 130 रुपये देना होगा। यदि 100 से ज्यादा चैनल देखते हैं अगले 25 चैनलों के लिए 20 रुपये अतिरक्त देने होंगे। इसके अलावा पे चैनल्स की तय कीमतें जुड़ जाएंगी। ट्राई की ओर से चैनलों की प्राइस रेंज 1 से 19 रुपये के बीच तय की गई है।