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गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका, अल्पेश ठाकोर समेत तीन विधायकों ने पार्टी छोड़ी

Published : Apr 10, 2019, 06:52 PM ISTUpdated : Apr 10, 2019, 07:46 PM IST
गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका, अल्पेश ठाकोर समेत तीन विधायकों ने पार्टी छोड़ी

सार

पिछले कुछ दिनों में अल्पेश ठाकोर की भाजपा के पूर्व मंत्री शंकर चौधरी के साथ कई बार बातचीत होने की खबरें हैं। हालांकि, पहले भी ठाकोर के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं थीं, तब उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके इसका खंडन किया था। 

गुजरात में कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए राधनपुर से कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने पार्टी छोड़ दी। उनके साथ दो अन्य विधायकों धवलसिंह ठाकोर और भारतजी ठाकोर ने भी पार्टी से इस्तीफा दिया है। अल्पेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे। अब चर्चा है कि अल्पेश क्षत्रिय सेना के समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों में ठाकोर की भाजपा के पूर्व मंत्री शंकर चौधरी के साथ कई बार बातचीत हुई है। हालांकि, इससे पहले भी ठाकोर के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं थीं और तब उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके इसका खंडन किया था। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा ने उन्हें संपर्क करते हुए मंत्री पद का भी प्रस्ताव दिया था, लेकिन वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। लेकिन अब पार्टी से इस्तीफा देने के बाद एकबार फिर इन खबरों को जमीन मिल गई है। 

दरअसल, राधनपुर से विधायक अल्पेश पाटन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने उनके बजाय पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर को तवज्जो दी। पार्टी ने साबरकांठा लोकसभा सीट से संगठन के एक सदस्य को टिकट देने की ठाकोर सेना की मांग को भी नजरअंदाज कर दिया।

अल्पेश ठाकोर ने अपने इस्तीफे में लिखा, 'मेरा जीवन समाजसेवा के साथ जुड़ा हुआ है। मैं राजनीति से भी अपने समाज और गरीबों की विचारधारा के चलते जुड़ा हुआ हूं। मैंने गरीबों के घर में उजाला करने का सपना देखा है, जिसे पूरा करने के लिए हमेशा आत्ममंथन चलता है। गुजरात में मेरी ठाकोर सेना के गरीब युवा अपमानित हुए जिसकी वजह से सभी दुखी और आक्रोशित हैं। मेरे लिए मेरी ठाकोर सेना ही सबकुछ है, अगर मुझमें सत्ता का लालच या पद प्रतिष्ठा की चाह होती तो मैं और मेरी सेना कांग्रेस से उसके खराब समय में नहीं जुड़ते, इसलिए ये निर्णय करना मेरे लिए काफी दुखदायक है। ठाकोर सेना का मुझे आदेश है कि जहां पर अपमान और विश्वासघात हो, वहां नहीं रहना चाहिए, इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पद से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने लिखा कि कभी ऐसी परिस्थिति का निर्माण होगा, मैंने इसकी कभी कल्पना नहीं की थी। गहरे दुख और विश्वासघात के एहसास के साथ कांग्रेस पार्टी के सभी पद से इस्तीफा देता हूं, जिसे आप स्वीकार करें। अगर किसी बात की कमी रही हो तो वो है सम्मान...सम्मान और सम्मान। अगर कोई चीज मुझे हमेशा मिली हो, तो वो है विश्वासघात...विश्वासघात और विश्वासघात।'

संगठन के एक सदस्य जगत ठाकोर के मुताबिक, ‘मंगलवार देर रात यहां कोर समिति की बैठक के दौरान ठाकोर सेना ने कांग्रेस से नाता तोड़ने का प्रस्ताव पारित किया। निर्णय लेने से पहले हमने अल्पेश ठाकोर से सलाह-मशविरा नहीं किया।’ 

उन्होंने कहा, ‘बैठक के बाद हमने उनसे 24 घंटे के भीतर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा। हमने उनसे दो टूक कह दिया था कि अगर वह कांग्रेस में रहना चाहते हैं तो उन्हें ठाकोर सेना छोड़नी होगी। और अगर वह हमारे साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा देना होगा।’ 

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन सहित महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कांग्रेस ठाकोर सेना की ‘अनदेखी’ की। इस बैठक में संगठन के प्रमुख अल्पेश ठाकोर मौजूद नहीं थे।गुजरात में एक प्रमुख ओबीसी नेता के रूप में उभरने के बाद वह 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और पाटन जिले में राधनपुर सीट से चुनाव जीते थे।

ओबीसी नेता ने दावा किया उनका समुदाय और समर्थक ‘ठगा’ हुआ और ‘उपेक्षित’ महसूस कर रहे हैं। इस मामले में विधायक की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।   

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