mynation_hindi

अजित पवार का भाजपा को समर्थन देना शरद पवार की थी साजिश, देवेंद्र फडणवीस ने किया खुलासा

Published : Dec 08, 2019, 01:35 PM IST
अजित पवार का भाजपा को समर्थन देना शरद पवार की थी साजिश, देवेंद्र फडणवीस ने किया खुलासा

सार

पहली बार राज्य में सरकार बनाने के लिए अजीत पवार के समर्थन पर भाजपा नेता ने कहा कि अजीत पवार ने उन्हें भरोसा जताया था कि उनके पास 54 विधायकों का समर्थन है और उन्होंने कुछ विधायकों की बातचीत भी कराई थी। फडणवीस ने कहा कि अजित पवार का दावा था कि उनके इस फैसले की जानकारी एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी है। क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि राज्य में अस्थिर सरकार बने।

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस का कहना है कि भाजपा द्वारा राज्य में दूसरी बार सरकार बनाने के लिए एनसीपी के नेता अजीत पवार ने दावा किया था कि उनके पास 54 विधायकों का समर्थन है। फडणवीस का दावा है कि अजित पवार ने उन्हें बताया था कि उनके इस फैसले की जानकारी शरद पवार को भी है।

पहली बार राज्य में सरकार बनाने के लिए अजीत पवार के समर्थन पर भाजपा नेता ने कहा कि अजीत पवार ने उन्हें भरोसा जताया था कि उनके पास 54 विधायकों का समर्थन है और उन्होंने कुछ विधायकों की बातचीत भी कराई थी। फडणवीस ने कहा कि अजित पवार का दावा था कि उनके इस फैसले की जानकारी एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी है। क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि राज्य में अस्थिर सरकार बने। लिहाजा मजबूत और स्थाई सरकार के लिए भाजपा के साथ सरकार बनाई  जानी चाहिए।

फडणवीस का कहना है कि एनसीपी राज्य में  तीन दलों की सरकार नहीं चाहती है। गौरतलब है कि राज्य में एनसीपी के बागी नेता अजित पवार के समर्थन से भाजपा ने सरकार बनाई थी। लेकिन तीन में ही बहुमत न होने कारण सरकार गिर गई और अजित पवार ने पहले इस्तीफा दिया और उसके बाद देवेन्द्र फडणवीस ने इस्तीफा  दिया। हालांकि इसके बाद एनसीपी ने शिवसेना की अगुवाई में बनी सरकार को समर्थन दिया है। जिसमें  कांग्रेस भी सहयोगी दल है।

अजित पवार ने एनसीपी से बगावत की थी। लेकिन तीन दिन के बाद ही वह पार्टी में वापस लौट आए थे। हालांकि अभी तक अजित पवार को राज्य की  शिवसेना सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया है। लेकिन शरद पवार ने उन्हें मंत्री बनाने की संभावना को खारिज नहीं किया है। हालांकि पवार ने साफ किया है कि इसके लिए सहयोगी दलों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा।  दोनों नेताओं को तीन दिन के बाद ही पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और अजित राय ने डेप्युटी सीएम की शपथ ली थी। हालांकि दोनों ने बहुमत साबित न होता देख फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार का गठन किया था।

PREV

Recommended Stories

श्री बजरंग सेना अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का अनोखा जन्मदिन, लगाएंगे एक लाख पौधे
Oshmin Foundation: ग्रामीण भारत में मानसिक शांति और प्रेरणा का एक नया प्रयास, CSR का एक उत्कृष्ट उदाहरण