भारतीय राजनीति की इतिहास में महाराष्ट्र में बनी नई सरकार ने भी अपना नाम दर्ज कर लिया है। कल रात तक महाराष्ट्र में शिवसेना के सरकार बनाने की चर्चा थी। यहां तक कि एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने राज्य में उद्धव ठाकरे के नाम का ऐलान कर दिया था। लेकिन वह अपनी ही पार्टी में बगावत को नहीं रोक पाए। राज्य में एमसीपी में एक तरह से बगावत हो गई है और पार्टी के 22 विधायकों ने भाजपा सरकार को समर्थन दिया है।
मुंबई। पिछले दो हफ्ते से महाराष्ट्र में सरकार बनाने का सपना देख रही शिवसेना को बड़ा झटका मिला है। शिवसेना का सपना भारतीय जनता पार्टी ने तोड़ दिया है। आज सुबह भाजपा के सीएम देवेन्द्र फडणवीस और एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ राजभवन में ली। आज सुबह ही देवेन्द्र फडणनीस ने राज्यभवन में जाकर राज्यपाल को सरकार बनाने का समर्थन पत्र सौंपा। इस मौके पर शिवसेना के संसदीय दल के नेता अजीत पवार भी फडणवीस के साथ थ। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन खत्म हो गया है।
भारतीय राजनीति की इतिहास में महाराष्ट्र में बनी नई सरकार ने भी अपना नाम दर्ज कर लिया है। कल रात तक महाराष्ट्र में शिवसेना के सरकार बनाने की चर्चा थी। यहां तक कि एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने राज्य में उद्धव ठाकरे के नाम का ऐलान कर दिया था। लेकिन वह अपनी ही पार्टी में बगावत को नहीं रोक पाए। राज्य में एमसीपी में एक तरह से बगावत हो गई है और पार्टी के 22 विधायकों ने भाजपा सरकार को समर्थन दिया है। हालांकि शरद पवार पवार ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है कि इस टूट की जानकारी उन्हें नहीं है। बल्कि ये ये पार्टी में टूट है। जिसकी जानकारी उनके पास नहीं थी। राज्य में उपमुख्यमंत्री बने अजीत पवार शरद पवार के भतीजे हैं और महाराष्ट्र में एनसीपी के संसदीय दल के नेता है। लिहाजा सभी फैसलों में अजीत पवार की राय ली जाती है।
आज सुबह आठ बजे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। एनसीपी नेता अजीत पवार डेप्युटी सीएम बने हैं। हालांकि अभी तक तो यही कहा जा रहा है कि अजीत पवार बागी हो गए हैं और 22 विधायकों ने उन्हें समर्थन दिया है। जबकि राज्य में एनसीपी के पास 54 विधायकों का समर्थन है। वहीं भाजपा को सरकार बनाने के लिए 22 विधायकों का समर्थन था। क्योंकि भाजपा का दावा है कि राज्य में उसके पास 123 विधायकों का समर्थन है। लिहाजा सरकार बनाने के लिए उसे महज 22 विधायकों की जरूरत है।
राज्य के डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बाद अजीत पवार ने कहा कि चुनाव परिणाम के दिन से ही कोई भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी। राज्य के किसानों की स्थिति को देखते हुए भाजपा सरकार को उन्होंने समर्थन दिया है। फिलहाल कल तक शिवसेना सरकार में डिप्टी सीएम बनने वाले अजित पवार फडणनीस सरकार में पावर के दूसरे केन्द्र बन गए हैं। उसके इस कदम से महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल सा आ गया। क्योंकि उनके भाजपा के साथ जाने से रात में रातों रात बाजी पलट गई है। उधर के इस ताजा घटनाक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेन्द्र फडणवीस को दोबारा सीएम बनने के लिए बधाई दी है।