प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सपा और अखिलेश यादव के प्रति नरमी दिखाते हुए कहा कि सपा के लिए अभी भी समय है। उन्होंने कहा कि वह परिवार के लिए फैसला कर सकते हैं। लेकिन उनकी पार्टी का सपा में विलय नहीं बल्कि सपा के साथ चुनावी गठबंधन हो सकता है। शिवपाल ने कहा कि छह महीने पहले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने इसके लिए कोशिश भी की थी। लेकिन घर के ही षड़यंत्रकारियों ने ऐसा नहीं होने दिया।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के बागी विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को झटका दिया है। शिवपाल ने कहा कि वह अपनी पार्टी का सपा में विलय नहीं बल्कि गठबंधन के लिए विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभी पार्टी में कई साजिशकर्ता हैं जो नहीं चाहते हैं कि परिवार में एकता हो। क्योंकि ऐसा होने से उनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सपा और अखिलेश यादव के प्रति नरमी दिखाते हुए कहा कि सपा के लिए अभी भी समय है। उन्होंने कहा कि वह परिवार के लिए फैसला कर सकते हैं। लेकिन उनकी पार्टी का सपा में विलय नहीं बल्कि सपा के साथ चुनावी गठबंधन हो सकता है। शिवपाल ने कहा कि छह महीने पहले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने इसके लिए कोशिश भी की थी। लेकिन घर के ही षड़यंत्रकारियों ने ऐसा नहीं होने दिया।
क्योंकि आज भी कई साजिशकर्ता ये नहीं चाहते हैं कि परिवार में एकता हो। क्योंकि एकता होने से उनके अस्तित्व को खतरा हो जाएगा। शिवपाल ने कहा कि उन्हें कोई पद नहीं बल्कि चाहिए बल्कि उन्हें कार्यकर्ताओं का अधिकार चाहिए। शिवपाल ने बीते हुए दिनों की बात याद करते हुए कहा कि उन्होंने अखिलेश यादव को पहले ही सीएम मान लिया था और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी। लेकिन उनका अपमान होता रहा और वह खामोश रहे। लेकिन जब पानी सिर न ऊपर निकल गया तब उन्होंने पार्टी को छोड़ने का फैसला किया।
गौरतलब है कि सपा ने शिवपाल की विधानसभा की सदस्यता के बदले में उनकी पार्टी का सपा में विलय करने प्रस्ताव दिया था। जिसे शिवपाल ने ठुकरा दिया है। उधर शनिवार को ही सपा के विधानसभा में नेता रामगोविंद चौधरी ने इस प्रस्ताव के बारे में फिर से शिवपाल से कहा तो शिवपाल ने कहा कि चौधरी बीमार हैं और उनकी कोई हैसियत नहीं है कि वह प्रस्ताव दें।