राज्य में की बंगला पॉलिटिक्स खत्म हो गया है। क्योंकि अब राज्य सरकार ने पूर्व मंत्रियों को मिली राहत देते हुए बंगलों को खाली नहीं कराने का फैसला किया है। असल में कोरोना संकट कारण राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। हालांकि नियमों के मुताबिक इन पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगलों को खाली करना है। लेकिन सरकार चली जाने के बाद भी ये पूर्व मंत्री बंगलों को खाली नहीं कर रहे हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश की भाजपा ने कांग्रेस की पूर्व सरकार के मंत्रियों के लिए बड़ा दिल दिखाया है। राज्य सरकार ने अब पूर्व मंत्रियों से बंगलों को खाली नहीं कराने का फैसला किया है। कोरोना संकट काल में राज्य सरकार ने पूर्व मंत्रियों को मिली राहत दी है और अब वह इन बंगलों में रह सकेंगे। हालांकि इसके लिए कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा था।
राज्य में की बंगला पॉलिटिक्स खत्म हो गया है। क्योंकि अब राज्य सरकार ने पूर्व मंत्रियों को मिली राहत देते हुए बंगलों को खाली नहीं कराने का फैसला किया है। असल में कोरोना संकट कारण राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। हालांकि नियमों के मुताबिक इन पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगलों को खाली करना है। लेकिन सरकार चली जाने के बाद भी ये पूर्व मंत्री बंगलों को खाली नहीं कर रहे हैं। फिलहाल पूर्व मंत्री बंगलों में रह सकेंगे।
एक दिन पहले ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पूर्व मंत्रियों से आवास खाली कराने की निंदा की थी उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का ये कदम गलत है क्योंकि राज्य में कोरोना संकट है और राज्य सरकार पूर्व मंत्रियों को बंगलों से बाहर निकाल रही है। अब राज्य के संपत्ति विभाग ने दो दिन पहले पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के सील किए गए बंगले को खोल दिया है और अब भनोत को रहने की अनुमति दे दी है। संपत्ति विभाग ने बंगले को खोल उनके स्टॉफ को बंगले को हवाले कर दिया है।
राज्य सरकार ने जिन पूर्व मंत्रियों को बंगला खाली करने के लिए नोटिस दिया था अब उन्हें खाली करने के लिए राहत दी है। नियमों के मुताबिक मंत्री का दर्जा चले जाने के बाद विधायक को सरकारी आवास को खाली करना होता है और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है। लेकिन कोरोना संकट में अब शिवराज सरकार ने कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों को राहत देते हुए कुछ और दिन सरकारी बंगलों का तुत्फ उठाने की मंजूरी दी है।