उत्तर प्रदेश में भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी तैयारी कर रही है। सपा-बसपा का गठबंधन बन जाने के बाद राज्य में भाजपा की चुनौतियां बढ़ गयी हैं। इसके लिए भाजपा कई तरह की चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देकर नेताओं को कई तरह की ट्रेनिंग दे रही है।
मध्य प्रदेश के पूर्व शिवराज सिंह चौहान राज्य में सत्ता गंवाने के बाद भी पार्टी के भीतर मजबूत होकर उभर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही शिवराज को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, हालांकि कुछ लोगों का कहना था कि शिवराज को राज्य की राजनीति से दूर रखने के लिए उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। अब उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में फिर से जीत हासिल करने के लिए शिवराज सिंह राज्य के भाजपा नेताओं को चुनाव प्रबंधन सीखाएंगे।
शिवराज में मध्य प्रदेश में तेरह साल से ज्यादा सरकार चलाई। लिहाजा भाजपा नेतृत्व उनके चुनाव प्रबंधन को बेहतर मानता है। लिहाजा अब शिवराज आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में चुनाव के प्रबंधन नेताओं को सिखाएंगे। उत्तर प्रदेश में भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी तैयारी कर रही है। सपा-बसपा का गठबंधन बन जाने के बाद राज्य में भाजपा की चुनौतियां बढ़ गयी हैं। इसके लिए भाजपा कई तरह की चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देकर नेताओं को कई तरह की ट्रेनिंग दे रही है। लिहाजा अब शिवराज सिंह चौहान राज्य के भाजपा नेताओं को चुनावी प्रबंधन के गुर सिखाएंगे।
बूथ स्तर पर किस तरह से मतदाताओं को अपनी ओर खींचा जाए या फिर मतदाताओं कि किस तरह के घर से बूथ तक लाया जाए। इसका गुर शिवराज सिखाएंगे। शिवराज लखनऊ से सटे बाराबंकी में भाजपा के अंबेडकरनगर, अयोध्या व बाराबंकी के सेक्टर संयोजक व प्रभारी को चुनाव प्रबंधन के गुर सीखेंगे। कुछ दिन पहले ही शिवराज ने बयान दिया था कि टाइगर जिंदा है। इसके बाद ये माना जा रहा था कि शिवराज राज्य की राजनीति में ही रहेंगे। हालांकि कि ऐसा भी कहा लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें फिर से राज्य की राजनीती में सक्रिय किया जा सकता है। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री ने कमलनाथ सरकार के कर्जमाफी के फैसले पर तंज कसा था।