शिवसेना ने खेला अयोध्या कार्ड, जानें क्यों ‘राम नगरी’ में करेंगे रामलला के दर्शन

By Team MyNation  |  First Published Jan 23, 2020, 8:30 AM IST

शिवसेना सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे। क्योंकि शिवसेना का कहना है कि पिछले साल अपने अयोध्या दौरे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वादा किया था कि महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद वह फिर से रामलला के दर्शन करने आएंगे। हालांकि तब उन्हें ये पता नहीं था कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन रामलला से किया गया वादा पूरा करने के लिए वह अयोध्या जाएंगे।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की शिवसेना ने भाजपा को घेरने के लिए अयोध्या का कार्ड खेला है। शिवसेना सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 100 दिन होने पर अयोध्या आएंगे। इसके लिए शिवसेना ने 'चलो अयोध्या' का नारा दिया है। फिलहाल फिर से हिंदुत्व की राजनीति को खेलने के लिए शिवसेना तैयारी कर रही है। क्योंकि कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद शिवसेना पर हिंदुत्व को छोड़ने के आरोप लग रहे हैं। लिहाजा शिवसेना फिर से हिंदुत्व कार्ड खेलना चाहती है।

शिवसेना सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे। क्योंकि शिवसेना का कहना है कि पिछले साल अपने अयोध्या दौरे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वादा किया था कि महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद वह फिर से रामलला के दर्शन करने आएंगे। हालांकि तब उन्हें ये पता नहीं था कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन रामलला से किया गया वादा पूरा करने के लिए वह अयोध्या जाएंगे। फिलहाल शिवसेना महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चला रही है।

हालांकि उद्धव ठाकरे पिछले साल ही राममंदिर को लेकर भाजपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। शिवसेना का कहना है कि भाजपा को राममंदिर निर्माण के लिए तिथि बतानी चाहिए। वहीं शिवसेना दावा करती है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद शिवसैनिकों ने गिराई थी। फिलहाल शिवसेना के अयोध्या कार्ड से भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शिवसेना महाराष्ट्र में हिंदुत्व की राजनीति करती है। लेकिन राज्य में कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद पार्टी के भीतर एक गुट नाराज चल रहा है। वहीं कांग्रेस के नेता अशोक चाण्हाण ने कहा कि मुस्लिमों के कहने पर कांग्रेस ने शिवसेना के साथ सरकार बनाई है।

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