सोनिया गांधी और प्रियंका रायबरेली में, लेकिन मजबूत छत्रप अदिति ने गांधी परिवार से बनाई दूरी

सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के रायबरेली दौरे पर हैं, इस इस दौरे में अदिति सिंह की गैरमौजूदगी सबको खटक रही हैं। क्योंकि अदिति सिंह को रायबरेली में कांग्रेस का मजबूत किला जाना जाता है। हालांकि पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस और अदिति सिंह के बीच रिश्तों में तल्खी आई थी। 

Sonia Gandhi and Priyanka in Rae Bareli, but strong leader Aditi kept distance from Gandhi family

लखनऊ। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली में हैं। रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। लेकिन इस गढ़ में कांग्रेस का सबसे मजबूत सेनापति ही नहीं दिखाई दे रहा है। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की। जो कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रही हैं। गांधी परिवार की करीबी माने जाने वाली अदिति का सोनिया और प्रियंका की बैठकों न दिखाई देना चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि अदिति काफी समय से कांग्रेस के कार्यक्रमों में नजर नहीं आ रही हैं।

Sonia Gandhi and Priyanka in Rae Bareli, but strong leader Aditi kept distance from Gandhi family

सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के रायबरेली दौरे पर हैं, इस इस दौरे में अदिति सिंह की गैरमौजूदगी सबको खटक रही हैं। क्योंकि अदिति सिंह को रायबरेली में कांग्रेस का मजबूत किला जाना जाता है। हालांकि पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस और अदिति सिंह के बीच रिश्तों में तल्खी आई थी। प्रियंका के लखनऊ में होने और सीएए के विरोध में रैली के बाद भी अदिति रैली में नहीं दिखाई दी थी और राज्य सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र में अदिति सिंह ने हिस्सा लिया था।

जबकि कांग्रेस पार्टी ने इस बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया था। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अदिति सिंह को नोटिस दिया था। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण में हिस्सा लिया है। इस शिविर में पूर्वी और पश्चिमी यूपी के लगभग 37 जिलों को शामिल किया गया है। लेकिन इस शिविर में कांग्रेस की सदर विधायक अदिति सिंह नहीं दिखाई दी। हालांकि अदिति पहले पार्टी के स्टैंड के खिलाफ जा चुकी हैं। अदिति सिंह ने अनुच्छेद 370 पर केन्द्र सरकार का पक्ष लिया था। जबकि कांग्रेस पार्टी इसका विरोध कर रही थी। वहीं पिछले दिनों प्रियंका गांधी के लखनऊ आगमन पर भी अदिति सिंह कांग्रेस के कार्यक्रमों से दूर रही।

जबकि प्रियंका ने कांग्रेस के स्थापना दिवस में हिस्सा लिया। फिलहाल राज्य सरकार ने अदिति सिंह को वाई प्लस की सुरक्षा दी है। जिसके बाद राज्य सरकार और अदिति सिंह की निकटता बढ़ी है। भाजपा भी रायबरेली में कांग्रेस के गढ़ को खत्म करने के लिए अदिति सिंह को लेकर काफी सकारात्मक है। हालांकि कांग्रेस समझ गई है कि आने वाले दिनों में अदिति सिंह कभी भी बागी हो सकती हैं। लिहाजा वह उनके ही चचेरे भाई और पूर्व सांसद अशोक सिंह के बेटे को आगे बढ़ा रही है। पिछले दिनों ही कांग्रेस ने अशोक सिंह के बेटे को कांग्रेस में शामिल कराया है।

हालांकि कांग्रेस चाहती है कि अदिति पार्टी को अलविदा कह दे, लेकिन अदिति बागी होने के बजाय शहीद बनने की रणनीति पर काम कर रही है। क्योंकि अगर वह खुद पार्टी छोड़ती हैं, तो ऐसे में उनकी विधानसभा सदस्यता जा सकती है। लिहाजा सदस्यता बचाए रखने के लिए वह बागी नहीं बनना चाहती है। पिछले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी को उससे छिन लिया है। जबकि रायबरेली में भी सोनिया को इस बार वोट कम मिले हैं। लिहाजा भाजपा मानकर चल रही है कि अगले लोकसभा चुनाव तक वह खुद को रायबरेली में मजबूत कर सकती है। लिहाजा वह कांग्रेस के मजबूत छत्रपों पर दांव खेल रही है।
 

vuukle one pixel image
click me!