सिद्धू की सफाई, कारगिल के बाद अटल भी तो मुशर्रफ से मिले थे...

By Arjun Singh  |  First Published Aug 21, 2018, 4:28 PM IST

पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धू बोले, यह राजनैतिक यात्रा नहीं थी। मुझे पहली कतार में बैठे देख जनरल बाजवा गर्मजोशी के साथ मिले। भाजपा बोली, कांग्रेस भारत में पाकिस्तान डेस्क बना रही है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में सेनाप्रमुख कमर जावेद बाजवा को गले लगाकर विवादों में घिरे नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर सफाई दी है। पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धू ने कहा, तनाव के बीच पहले भी दोनों देशों के नेता मिलते रहे है। पाक आर्मी चीफ से उनकी मुलाकात सिर्फ कुछ मिनट की थी। इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है। 

सिद्धू ने कहा, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी शांति का संदेश लेकर पाकिस्तान गए थे। उनके लौटने के तुरंत बाद ही जनरल मुशर्रफ ने कारगिल में युद्ध छेड़ दिया था। बाद में उसी परवेज मुशर्रफ से वाजपेयी मिले थे। सिद्धू ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बिना बुलावे के पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने चले गए थे। 

पाकिस्तानी सेना प्रमुख के गले मिलने पर सिद्धू ने कहा, यह मुलाकात इस्लामाबाद के शपथग्रहण के दौरान हुई। मुझे पहली कतार में बैठे देख वह गर्मजोशी के साथ मुझे मिले। मुझे मिलते ही उन्होंने मुझसे कहा कि गुरुनानक साहब के 500वें प्रकाश दिवस भारत के डेरा बाबा नामक से पाकिस्तान से ढाई किलोमीटर दूर स्थित करतारपुर साहब के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को बिना रोक-टोक पथ प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह संभव है। उन्होंने कहा कि हम शांति चाहते हैं। सिद्धू ने कहा कि बाजवा की बातें मेरे लिए भावनात्मक थीं। 

सिद्धू ने कहा, 'यह यात्रा किसी भी प्रकार से राजनैतिक नहीं थी। यह एक मित्र का स्नेहभरा निमंत्रण था। वह दोस्त जो कड़े संघर्ष से जीवन में कुछ बना था और ऐसे पद पर पहुंचा, जहां वह पाकिस्तान की तस्वीर और तकदीर को बदलने का सामर्थ्य रखता है। जिस कुर्सी पर आज इमरान खान बैठे हैं, अत्यधिक मुश्किलों में फंसे हुए लोगों को निजात दिलाने में वह सहायक हो सकते हैं। वह पड़ोसी देशों के साथ सुखद रिश्तों की  शुरुआत कर सकता है। पाकिस्तान में आए इस नए राजनैतिक परिवर्तन से मुझे भी यही आस थी।' 

सिद्धू ने कहा, 'मैं इस बात को दोनों देशों का दुर्भाग्य समझता हूं कि विभाजन के बाद आपसी रिश्तों में सुधार नहीं हो सका। कटुता बनी रही। ऐसी कटुता जो करोड़ों लोगों के लिए आज भी अभिशाप है। आज जिस तरह से उस देश में आतंकी संगठनों का जमावड़ा हो चुका है, उससे उस देश का भविष्य खतरे में पड़ा दिखता है। ऐसे में एक दृढ़ निश्चय वाला व्यक्ति और उसकी सरकार ही कुछ कर सकते हैं।' 

उधर, सिद्धू की सफाई पर भाजपा ने पलटवार किया है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सिद्धू के पाकिस्तान दौरे पर जवाब देना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि राहुल के कहने पर ही सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस की। पात्रा ने कहा, 'ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस भारत में पाकिस्तान डेस्क बना रही है। इस प्रकार के षडयंत्र में राहुल घी डालने का काम कर रहे हैं।' उन्होंने सिद्धू को घेरते हुए कहा, 'सीमा पर जवान मारे जा रहे हैं और सिद्धू पाकिस्तान को धन्यवाद देना चाहते हैं। धिक्कार है इस प्रकार की सोच के लिए। भारत के लोगों ने आपको सांसद बनाया और आपको प्यार पाकिस्तान में मिलता है?' 

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