मानसरोवर यात्रा की मेजबानी नहीं करेगा सिक्किम

कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर सिक्किम पर्यटन मंत्री बीएस पंथ ने कहा है कि नाथुला दर्रे के माध्यम से भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा।  यही नहीं दोनों देशों के बीच इस साल सीमा पर व्यापार भी नहीं होगा। नाथुला दर्रे के माध्यम से सीमा व्यापार मई में शुरू होने वाला था, जबकि इसी मार्ग के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा जून में शुरू होनी थी। 

Sikkim will not host Mansarovar Yatra

नई दिल्ली। इस साल सिक्किम मानसरोवर यात्रा की मेजबानी नहीं करेगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए ये फैसला किया गया है।  विदेश मंत्रालय प्रत्येक वर्ष लिपुलेख दर्रा और नाथू ला दर्रा के माध्यम से मानसरोवर यात्रा आयोजित करता है। ये यात्रा हर साल जून-सितंबर तक आयोजित की जाती है।

Sikkim will not host Mansarovar Yatra

कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर सिक्किम पर्यटन मंत्री बीएस पंथ ने कहा है कि नाथुला दर्रे के माध्यम से भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा।  यही नहीं दोनों देशों के बीच इस साल सीमा पर व्यापार भी नहीं होगा। नाथुला दर्रे के माध्यम से सीमा व्यापार मई में शुरू होने वाला था, जबकि इसी मार्ग के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा जून में शुरू होनी थी। लेकिन देश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसे रद्द किया जाता है।

विदेश मंत्रालय प्रत्येक वर्ष दो अलग-अलग मार्गों - लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथू ला दर्रा (सिक्किम) के माध्यम से मानसरोवर यात्रा प्रत्येक वर्ष जून-सितंबर तक आयोजित करता है। कैलाश मानसरोवर तिब्बत में है। इस यात्रा में हर साल सैकड़ों की तादात में यात्री हिस्सा लेते हैं। राज्य सरकार ने केंद्र को अपने फैसले के बारे में सूचित कर दिया है। भारत और चीन के बीच नाथुला सीमा व्यापार 2006 में चार दशकों से अधिक के अंतराल के बाद फिर से शुरू हुआ जबकि वार्षिक कैलाश मानसरोवर यात्रा दो साल पहले शुरू हुई थी।

सिक्किम के पर्यटन मंत्री ने कहा कि सिक्किम के पर्यटन क्षेत्र को कोरोनोवायरस प्रकोप के कारण जबरदस्त नुकसान हुआ है और इससे राज्य सरकार को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण मार्च के पहले सप्ताह से राज्य में घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है और इसके कारण राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है। वहीं राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार राज्य को हुए नुकसान की भरपाई करे। फिलहाल राज्य सरकार नुकसान का आकलन कर रही है और केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर इसकी भरपाई की मांग करेगी।

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