जौहर विश्वविद्यालय को लेकर आजम खान की पहले से ही मुश्किलें कम नहीं है। उधर ईडी ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज कर रखा है। क्योंकि जौहर विश्वविद्यालय के लिए जो उन्होंने विदेशों से चंदा लिया हुआ था उसकी जानकारी उन्होंने किसी भी सरकारी एजेंसी को नहीं दी है। वहीं उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए खरीद जमीन के लिए किए लेन देन की जानकारी भी नहीं दी है।
लखनऊ/रामपुर। रामपुर में समाजवादी पार्टी के विवादित नेता और सांसद आजम खान पर हुए एक के बाद एक मुकदमों ने उनकी एक और मुश्किल बढ़ा दी है। रामपुर जिला प्रशासन आजम खान पर दर्ज मुकदमों को देखते हुए अब उन्हें हिस्ट्रीशीटर घोषित करने की तैयारी में है। यानी आजम खान जिले का हिस्ट्रीशीटर हो जाएंगे। आमतौर पर उन अपराधियो की हिस्ट्रीशीट खोली जाती है जिनके ऊपर ज्यादा अपराधिक मुकदमे दर्ज होते हैं।
जौहर विश्वविद्यालय को लेकर आजम खान की पहले से ही मुश्किलें कम नहीं है। उधर ईडी ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज कर रखा है। क्योंकि जौहर विश्वविद्यालय के लिए जो उन्होंने विदेशों से चंदा लिया हुआ था उसकी जानकारी उन्होंने किसी भी सरकारी एजेंसी को नहीं दी है। वहीं उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए खरीद जमीन के लिए किए लेन देन की जानकारी भी नहीं दी है।
इसके साथ ही रामपुर के अजीमनगर थाने में आजम खान पर तीन दर्जन से ज्यादा मुकदमे जमीन कब्जाने को लेकर दर्ज हैं। यही नहीं किसानों ने हाईकोर्ट में शपथ देकर आजम के खिलाफ शिकायत की है। किसानों का कहना है कि आजम खान ने सत्ता में रहते हुए साजिश और दबाव के जरिए उनकी जमीनों पर कब्जा किया है। ये जमीन कोसी नदी के किनारे और ये खेती की जमीन है।
लेकिन अब आजम खान की नई मुश्किल पैदा हो रहा है। जिस अजीमनगर थाने में आजम खान के खिलाफ केस दर्ज हैं। वहां पर उनकी हिस्ट्रीशीट खोले जाने की तैयारी है। इस बारे में रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह का कहना है कि आजम खान के खिलाफ बहुत सारे मुकदमे आपराधिक हैं, जिनमें चोरी के साथ ही जमीन पर अवैध कब्जे के मामले भी शामिल हैं। आम तौर पर किसी भी अपराधी के इतने मुकदमे दर्ज होने के बाद उसकी हिस्ट्रीशीट खुल जाती है।
लिहाजा आजम खान भी उसी श्रेणी में आते हैं। जानकारी के मुताबिक आजम खान के खिलाफ रामपुर में आईपीसी और सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत करीब 72 केस चल रहे हैं। दो दिन पहले ही आजम खान ने रामपुर जिला प्रशासन के अफसरों को धमकी थी। उन्होंने कहा था कि सरकारें आती हैं और जाती है। लेकिन अफसरों को वहीं रहना होता है। इससे पहले भी आजम खान कई अफसरों को धमकी दे चुके हैं और कुछ अफसरों ने तो छुट्टी भी ले ली थी और जिला प्रशासन से सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार लगाई थी।