कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हजारों प्रवासी कामगार की नौकरी छिन गई है और वह अपने अपने घरों के लिए वापस लौट रहे हैं। क्योंकि उनके पास पैसे नहीं और न ही खाने के लिए उनके पास सामन है। लिहाजा इन लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार को साधन मुहैया कराना चाहिए।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेन्द्र मोदी को फिर चिट्टी लिखी है। सोनिया ने पीएम को लिखा कि रास्तों में फंसे हुए प्रवासी कामगारों के लिए एक बार की परिवहन सेवा की व्यवस्था की जाए। ताकि वह अपने अपने घरों तक पहुंच सके। इससे पहले सोनिया ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी और लॉकडाउन के लिए समर्थन दिया था।
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हजारों प्रवासी कामगार की नौकरी छिन गई है और वह अपने अपने घरों के लिए वापस लौट रहे हैं। क्योंकि उनके पास पैसे नहीं और न ही खाने के लिए उनके पास सामन है। लिहाजा इन लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार को साधन मुहैया कराना चाहिए। सोनिया गांधी ने सुझाव दिया कि एक बार राज्य परिवहन सेवाओं को उन लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाए जो कोरोनोवायरस पर देशव्यापी तालाबंदी के बीच अपने गांवों के लिए निकल पड़े हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली यूपी ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में काम कर रहे कामगारों का रोजगार छिन गया है और वह अपने घरों के लिए लौट रहे हैं। जिसके कारण इन राज्यों में भयावह स्थिति पैदा हो रही है। क्योंकि ये लोग भीड़ में घरों के लिए लौट रहे हैं। जबकि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिक जरूरी है। लेकिन इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखाकर उन प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की, जो देश भर में 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण कोरोनोवायरस के कारण घरों को लौटने के लिए मजबूर हैं।
प्रधानमंत्री को लिखे अपने नए पत्र में, उन्होंने लिखा, “लाखों प्रवासी मज़दूर सैकड़ों मील चलने के लिए मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि कोईसार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं है। कई अन्य लोग गेस्ट हाउस या होटल में फंस गए हैं। पिछले पांच दिनों में सोनिया गांधी का पीएम नरेन्द्र मोदी को यह उनका तीसरा पत्र है। सोनिया ने पहला पत्र दैनिक वेतन श्रमिकों को वित्तीय मदद के लिए लिखा था और जबकि दूसरा गरीबों और श्रमिकों के लिए सीधे नकद ट्रांसफर करने की मांग के लिए लिखा था।