काम आया ‘सोनिया मैनेजमेंट’,महज छह महीने में छीन लिए भाजपा से दो राज्य

By Team MyNation  |  First Published Dec 24, 2019, 7:54 AM IST

पिछले दिनों ही महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन कर कांग्रेस ने सबको चौंका दिया था। क्योंकि माना जा रहा था कि कांग्रेस शिवसेना की अगुवाई में सरकार में शामिल नहीं होगी। लेकिन सोनिया गांधी ने गहन मंथन के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने का फैसला किया। मीडिया में ये भी खबर आ रही थी कि अगर राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष होते तो कांग्रेस राज्य में सरकार नहीं बनाती। 

नई दिल्ली। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई में कांग्रेस और राजद की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस पिछले छह महीने के दौरान दूसरे राज्य की सत्ता पर काबिज होने जा रही है। कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के हाथ में  आने के बाद कांग्रेस दूसरे राज्य में सरकार बनाने जा रही है। जबकि हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति पिछले चुनाव की तुलना में मजबूत हुई है। हालांकि अभी कांग्रेस में एक धड़ा राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग रही है। लेकिन सोनिया के कमान संभालने के बाद संगठन से लेकर राज्य की सत्ता पर कांग्रेस को जीत मिली है।

पिछले दिनों ही महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन कर कांग्रेस ने सबको चौंका दिया था। क्योंकि माना जा रहा था कि कांग्रेस शिवसेना की अगुवाई में सरकार में शामिल नहीं होगी। लेकिन सोनिया गांधी ने गहन मंथन के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने का फैसला किया। मीडिया में ये भी खबर आ रही थी कि अगर राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष होते तो कांग्रेस राज्य में सरकार नहीं बनाती। लेकिन सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाना काफी अचरज का फैसला था।

यही नहीं हरियाणा में चुनाव से ठीक पहले सोनिया गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा पर दांव खेला और भाजपा पूरी तरह बहुमत हासिल नहीं कर सकी। यही नहीं भाजपा को राज्य में सरकार बनाने के लिए जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन करना पड़ा। लेकिन इन सब कामियाबियों के बीच सोनिया को सबसे बड़ा झटका कर्नाटक में लगा जहां पहली बार राज्य की सत्ता हाथ से फिसली और बाद में हुए उपचुनाव में पार्टी महज एक ही सीट जीत सकी। इसके अलावा पार्टी को कई राज्यों में नेताओं के बगावती तेवरों से रूबरू होना पड़ रह है।

जहां राजस्थान में सचिन पायलट राज्य के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं वहीं मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया सीएम कमलनाथ के खिलाफ बगावती  तेवर अपनाए हुए हैं। जिसको लेकर कांग्रेस आलाकमान चिंतित है। क्योंकि पार्टी का मानना है कि ये नेता बागी हो गए तो इन दोनों राज्यों में सत्ता उसके हाथ से खिसक जाएगी। जो पार्टी आलाकमान के लिए बड़ी चिंता का विषय है और पार्टी के रणनीतिकार इसकी काट निकालने में जुटे हैं। अब सोनिया के सामने दिल्ली और बिहार काफी अहम हैं। हालांकि दिल्ली में कांग्रेस मुख्य दल है तो बिहार में कांग्रेस अभी तक राजद की अगुवाई में चुनाव लड़ रही है।
 

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