राफेल पर माया के बाद अब अखिलेश के बदले सुर, यूपी में कांग्रेस का महागठबंधन कमजोर पड़ा

By Team MyNationFirst Published Dec 15, 2018, 4:03 PM IST
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बसपा प्रमुख मायावती के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को झटका देते हुए जेपीसी की जांच की मांग को खारिज किया है। अखिलेश का कहना है कि कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है। कांग्रेस की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस ने भी कोर्ट के फैसले के बाद तीखे तंज कसे थे।

कांग्रेस राफेल डील पर संयुक्त संसदीय समिति की मांग पर अलग थलग पड़ती जा रही है। बसपा प्रमुख मायावती के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को झटका देते हुए जेपीसी की जांच की मांग को खारिज किया है। अखिलेश का कहना है कि कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है। कांग्रेस की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस ने भी कोर्ट के फैसले के बाद तीखे तंज कसे थे।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर केन्द्र की भाजपा सरकार को राहत देते हुए क्लीन चिट दी थी। कोर्ट का कहना था कि राफेल पर उसे कोई भी अनियमिता नहीं मिली है। लिहाजा इसके लिए दायर सभी याचिकाओं को खारिज किया जाता है। कल बसपा प्रमुख ने भी कोर्ट के फैसले को सर्वोपरि बताया था। बसपा प्रमुख ने भाजपा और कांग्रेस को भ्रष्टाचारी पार्टी बताया था। बसपा प्रमुख मायावती के बयान के बाद आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस की जेपीसी की मांग को खारिज किया है। अखिलेश यादव ने राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सर्वोपरि बताया है और कहा है कि अब अगर किसी को परेशानी हो तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।

अखिलेश ने कोर्ट के फैसले को सर्वोपरि बताते हुए संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग को वापस ले लिया है। बहरहाल राहुल गांधी के साथ चलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले अखिलेश के इस बयान से सभी हैरान हैं। असल में अखिलेश ने यूपी में विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था और कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा पर महागठबंधन करने पर दबाव बना रही है। जबकि अखिलेश ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को कहा था।

लेकिन कांग्रेस ने सपा अध्यक्ष की बात नहीं मानी और इन राज्यों में अकेले चुनाव लड़ा। हालांकि तीन राज्यों में बनने वाली कांग्रेस की सरकार में सपा ने शामिल होने के फैसला किया है। अखिलेश ने लखनऊ में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है। हमने जेपीसी की मांग तब की थी जब सुप्रीम कोर्ट का जिक्र नहीं था। अब जिसे भविष्य में सवाल करना हो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। जाहिर है अब कांग्रेस इस मामले में अलग थलक पड़ती जा रही है। सपा और बसपा के इस मामले में खुद को अलग करने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।

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